चंडीगढ़ : हरियाणा के मख्यमंत्री मनोहर लाल जो हरियाणा विधानसभा में सदन के नेता भी हैं, ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए हर राजनीतिक पार्टी के सदस्यों को सदन में बोलने का अवसर देना चाहिए और सदस्यों को अपने क्षेत्र की मांगों के अलावा राज्य के हितों तथा विधायी कार्यों में भी रुचि लेनी चाहिए। मुख्यमंत्री आज हरियाणा की 14वीं विधानसभा के पहले सत्र के दौरान विधायक ज्ञान चन्द गुप्ता को सर्वसम्मति से हरियाणा विधानसभा का नया अध्यक्ष चुनने उपरांत सदन में बोल रहे थे।
हरियाणा के मख्यमंत्री मनोहर लाल ने सोमवार को चण्डीगढ में कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए हर राजनीतिक पार्टी के सदस्यों को सदन में बोलने का अवसर देना चाहिए और सदस्यों को अपने क्षेत्र की मांगों के अलावा राज्य के हितों तथा विधायी कार्यों में भी रुचि लेनी चाहिए।
मुख्यमंत्री हरियाणा की 14वीं विधानसभा के पहले सत्र के दौरान विधायक ज्ञान चन्द गुप्ता को सर्वसम्मति से हरियाणा विधानसभा का नया अध्यक्ष चुनने उपरांत सदन में बोल रहे थे। उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, इनेलो के अभय सिंह चौटाला, कांग्रेस की किरण चौधरी व वरुण चौधरी ने भी ज्ञान चन्द गुप्ता को सर्वसम्मति से विधानसभा अध्यक्ष बनने पर बधाई एसं शुभकामनाएं दी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि अध्यक्ष पहली बार चुनकर आए 44 विधायकों को सदन की कार्यवाही किस प्रकार से संचालित होती है, इस बारे विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करवाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री ज्ञान चन्द गुप्ता चण्डीगढ़ के महापौर भी रहे हैं। पिछली विधानसभा में भी सार्वजनिक लेखा व अन्य कमेटियों के अध्यक्ष रहे और विधायी कार्यों को निपटाने में उनकी विशेष रुचि है। इसलिए उन्हें विधानसभा अध्यक्ष बनाने का फैसला लिया है, जिसका प्रस्ताव आज सदन में मैंने रखा है और सर्वसम्मति से पारित करने के लिए मुख्यमंत्री ने सभी सदस्यों का आभार भी व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने सदन को अवगत करवाया कि पिछली विधानसभा में भी सत्रों का आयोजन साल में तीन बार किया गया था, जो पहले दो ही होता था। हरियाणा विधानसभा की 2014 से पहले केवल साल में लगभग 10 सिटिंग होती थी, जो 2014 में हमने बढ़ाकर 17 सिटिंग की गई थी तथा विधानसभा के कुल 15 सत्र बुलाए गये, जिनकी कुल 84 बैठकें हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा विधानसभा देश की अच्छी विधानसभाओं में से एक है और विधायकों को अपने क्षेत्र की स्थानीय मांगों के साथ-साथ प्रदेश हित के मुद्दे उठाने चाहिए। मुख्यमंत्री ने सदन में नये अध्यक्ष ज्ञान चन्द गुप्ता से अपील की कि जो भी विधेयक या बिल सत्र के दौरान पारित होने हैं, उनकी एक प्रति सदस्यों के पास कम से कम एक दिन पहले पहुंचाई जानी चाहिए ताकि सदस्यों को चर्चा के दौरान उन पर बोलने का पर्याप्त समय मिल सके।