एक के बाद एक ताबड़तोड़ घोटालों को अंजाम देने में जुटी बीजेपी ने स्वास्थ्य सेवाओं में भी जमकर घोटाले किए हैं। ना सिर्फ सरकार ने जनता का करोड़ों रुपया लूटा है, बल्कि लोगों की जिंदगी से भी खिलवाड़ किया है। कैग (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) की ताजा रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने ये बात कही।
उन्होंने कहा कि कैग की रिपोर्ट ने बीजेपी के घोटालों को पूरी तरह उजागर कर दिया है। रिपोर्ट से स्पष्ट है कि नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाएं और डॉक्टर मुहैया करवाने की बजाय सरकार करोड़ों रुपए के घोटालों को अंजाम देने में लगी हुई है। रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि कई मात्र 42 से 209 किलोमीटर का सफर कई एंबुलेंस ने 1,05,000 से लेकर 5 लाख रुपए में तय किया। यानी लगभग 2500 रुपये प्रति किलोमीटर में एंबुलेंस ने अपनी सेवाएं दीं। इतना ही नहीं एंबुलेंस के मरीजों तक पहुंचने के समय में भी जमकर झोल किया गया है।
सीएजी रिपोर्ट में कहा है कि लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करते हुए सरकार ने ब्लैक लिस्टेड कंपनियों से भी दवाइयां और उपकरण खरीदे। इतना ही नहीं, सरकार ने ऐसी 15 एंजेसियों को 5.67 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया है, जिनकी दवाएं कई बार घटिया साबित हो चुकी हैं।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि जब से भाजपा सत्ता में आई है, उसने प्रदेश के शिक्षा व स्वास्थ्य तंत्र को पूरी तरह नजर अंदाज किया है। यही वजह है कि आज प्रदेश में लगभग 30% डॉक्टरों और 42 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मियों के पद खाली पड़े हुए हैं।
हुड्डा ने कहा कि इस बार खुद नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने भी कांग्रेस के आरोपों पर अपनी मुहर लगा दी है। क्योंकि कांग्रेस ने बार-बार हरियाणा की जनता को बताया कि भाजपा ने प्रदेश को साढे चार लाख करोड रुपए के कर्ज तले दबा दिया है। लेकिन सत्ता में बैठे लोग इससे इनकार करते रहे। अब खुद कैग की रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि मार्च 2023 तक प्रदेश पर चार लाख करोड़ रुपए का कर्ज चढ़ चुका था। उसके बाद भी इस सरकार ने कर्ज लेना जारी रखा, जो आज 4.50 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा हो चुका है।
यह सब बीजेपी सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन और घोटालों चलते हुआ है। जनता पर बार-बार ऐसी योजनाएं थोपी गईं, जिससे सारा पैसा घोटालेबाजों की जेब में गया और सरकार का राजस्व घटा। इससे जनता पर टैक्स और महंगाई की मार पड़ी। बीजेपी को बताना चाहिए कि 10 साल में उसने हरियाणा में ना कोई मेडिकल कॉलेज बनाया, ना एक भी बड़ी यूनिवर्सिटी स्थापित की, ना ही कोई राष्ट्रीय स्तर का संस्थान या बड़ा उद्योग स्थापित किया। ना ही इस सरकार ने कोई नई रेलवे लाइन बिछाई, ना एक भी इंच मेट्रो को आगे बढ़ाया और ना कोई नया पावर प्लांट लगाया, बावजूद इसके कर्ज में लिया गया लाखों करोड़ रुपया कहां खर्च हुआ और किसकी जेब में गया। कांग्रेस विधानसभा में सरकार से ये सवाल पूछेगी।