Patna High Court: पटना हाईकोर्ट ने प्रदेश में शराबबंदी कानून की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि इस कानून की वजह से शराब और अन्य प्रतिबंधित वस्तुओं के अवैध व्यापार को बढ़ावा मिला है और यह सरकारी अधिकारियों के लिए मोटा पैसा कमाने का साधन बन गया है। पुलिस तस्करों से मिली हुई है वहीं मोटी कमाई के कारण आबकारी, टैक्स और परिवहन विभाग के अफसरों के लिए भी यह कानून पसंदीदा बन गया है। जस्टिस पूर्णेन्दु सिंह ने आबकारी विभाग की छापामारी के दौरान एक पुलिस निरीक्षक को निलंबित किए जाने के खिलफ दायर याचिका पर दिए फैसले में यह कड़ी टिप्पणियां कीं। कोर्ट ने प्राकृतिक न्याय का उल्लंघन बताते हुए पुलिस निरीक्षक का निलंबन रद्द कर दिया। कोर्ट ने आदेश में कहा कि राज्य सरकार शराबबंदी कानून को ठीक से लागू करने में विफल रही है।
गरीब झेल रहे दंश, माफिया बच जाते
शराब तस्करी के माफिया व सरगनाओं की तुलना में शराब पीने वाले गरीबों के खिलाफ ज्यादा मामले दर्ज किए जाते हैं। गरीब लाेग इस कानून का दंश झेल रहे हैं जबकि जांच अधिकारियों की ओर से जांच में कमियां छोड़ने के कारण माफिया व सरगना सबूतों के अभाव में बच निकलते हैं। उल्लेखनीय है कि बिहार में 2016 से शराबबंदी कानून लागू है। कोर्ट ने पिछले दिनों ये फैसला सुनाया था जिसका आदेश अब वैबसाइट पर अपलोड किया गया है।