विधानसभा सत्र के पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान सदन में इनेलो विधायक दल के नेता अदित्य देवीलाल ने धान खरीद में नमी के नाम पर हो रही लूट, डीएपी खाद की किल्लत और खाद की कालाबजारी, लचर स्वास्थ्य एवं चिक्तिसा सेवाएं, मैडिकल कॉलेज न बनने, गिरते लिंगानुपात, 67 प्रतिशत लोग बीपीएल में आने, सरकारी नौकरियों में खेल आरक्षण, खिलाडिय़ों की बुरी स्थिती, पोर्टल के कारण परेशान जनता और बीजेपी सरकार में भ्रष्टाचार पर खुल कर बोले।
आदित्य देवीलाल ने कहा कि पहली दफा विधायक के रूप में जब वे खुद के गांव चौटाला की अनाज मंडी में धान की खरीद का जायजा लेने पहुंचे तो यह देख कर हैरान रह गए कि सरकारी एजेंसियों द्वारा धान में नमी के नाम पर 5 से 7 प्रतिशत के बड़े अंतर पर किसानों को सरेआम लूटा जा रहा है। जब मंडी से बाहर आए तो देखा कि किसान के साथ साथ हमारी बहन बेटी और बुजुर्ग डीएपी खाद के लिए लाइन में लगे हुए हंै। जिन बच्चों को स्कूल और कॉलेज में शिक्षा के लिए जाना चाहिए था वो बच्चे अपनी पढ़ाई छोडक़र और जिन बुजुर्गों को घर पर आराम करना चाहिए वो बुजुर्ग भी लाइन में लगे हुए हैं।
अभिभाषण में स्वास्थ्य सेवाओं का जिक्र किया गया कि बहुत अच्छे मैडिकल कॉलेज खोले हैं। फ्री इलाज के लिए आयुष्मान कार्ड जैसी योजनाएं लेकर आए हैं। लेकिन सिरसा के मेडिकल कॉलेज का तीन बार उद्घाटन किया गया और तीन बार लड्डू खाने के बाद भी जिला के लोगों को विश्वास नहीं है कि वो कॉलेज खुलेगा या नहीं खुलेगा। जितने भी सरकारी चिकित्सालय हैं उनमें डॉक्टरों की कमी है। जब भी कोई महिला सरकारी अस्पताल में बच्चे की डिलिवरी के लिए जाती है तब उसे यह कह कर लोटा दिया जाता है कि उसमें खून की कमी हैं जिसके कारण उस गरीब को मजबूरन प्राइवेट अस्पताल में जाना पड़ता है। आज हरियाणा जो पूरे देश में अग्रणी राज्य था उसके 67 प्रतिशत लोग बीपीएल की श्रेणी में आ गए हैं। 2005 के बाद जबसे कांग्रेस और बीजेपी की सरकार बनी है केवल आंकड़ों से खेला गया। आंकड़ा दिया जा रहा है बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं का लेकिन लिंग अनुपात लगातार घटता जा रहा है।
अदित्य ने कहा कि मैंने पहली बार देखा कि सडक़ बन गई और सडक़ के बीच में पेड़ खड़े हैं। और जब पूछा जाए तो कहते हैं कि इसके लिए प्रमिशन लेनी पड़ेगी। खेलों में खिलाडिय़ों के लिए स्वर्गीय चौ. देवीलाल और चौ. ओम प्रकाश चौटाला की सरकार में सबसे पहले खिलाडिय़ों को प्रोत्साहन देने के लिए 3 प्रतिशत आरक्षण देने और ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने पर 1 करोड़ की राशि देने का ऐलान किया गया जिसकी बादौलत हरियाणा के खिलाड़ी अंतरर्राष्ट्रीय खेलों में पदक लाने लगे जिसका एक अच्छा संदेश पूरे देश में गया लेकिन धीरे धीरे उस खेल नीति में कटौती की गई और आज खिलाडिय़ों के उपर इतना दबाव है कि उन्हें अपनी बात रखने के लिए भी दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना प्रर्दशन करना पड़ता है। गांव के अंदर किसान जो है वो कर्जे में नहीं डूबा, वो सरकार के कागजों में डूबा हुआ है। पोर्टल शुरू कर दिए गए जिससे पूरे हरियाणा के लोग परेशान हैं। सब चीजों के अंदर देखें तो कहीं न कहीं बहुत बड़ी खामियां हैं जिसको दुरूस्त किए जाने की आवश्यकता है। पूरे अभिभाषण में सिर्फ सरकार का बखान किया गया। पिछले पांच सालों में हर क्षेत्र में भ्रष्टाचार हुआ है।