भारत ने चेताया है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बदलाव की कोशिशों के नाम पर सिर्फ बहकाया जा रहा है और इससे सुरक्षा परिषद में विस्तार और इसमें एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के प्रतिनिधित्व को अनिश्चित काल के लिए टाला जा सकता है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में परिषद के सदस्यों को बढ़ाने और समान प्रतिनिधित्व के मुद्दे पर आयोजित बैठक में भारत के राजदूत पी हरीश ने ये बात कही।
भारतीय राजदूत ने कहा कि यूएनएससी में सुधार की मांग कई दशकों से की जा रही है, इसके बावजूद यह निराशाजनक है कि साल 1965 के बाद से इसमें कोई भी बदलाव नहीं हुआ है। गौरतलब है कि 1965 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अस्थायी वर्ग में शामिल सदस्यों की संख्या में विस्तार किया गया था। उस समय अस्थायी निर्वाचित सदस्य देशों की संख्या छह से बढ़ाकर 10 की गई थी।