नेशनल डेस्क : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को ऐलान किया कि चालू वित्त वर्ष में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को ऋण देने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का लक्ष्य 35% बढ़ाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार सुनिश्चित करेगी कि कोई भी छोटा व्यवसाय ऋण की कमी के कारण पिछड़ न जाए। मंत्री ने यह घोषणा बेंगलुरु में बैंकरों और MSME के मालिकों के साथ एक कार्यक्रम में की।
5.7 लाख करोड़ रुपये का नया लक्ष्य निर्मला सीतारमण ने कहा, “मैं बैंकों को MSME को ऋण देने के लिए एक नया लक्ष्य देना चाहती हूं। हम इसे 5.7 लाख करोड़ रुपये तक लाना चाहते हैं ताकि इस वर्ष ही MSME को ऋण की पहुंच मिले।” इसके साथ ही मंत्री ने यह भी कहा कि अगले वित्त वर्ष में ऋण लक्ष्य बढ़ाकर 6.1 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा और 2027 तक इसे 7 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाने का उद्देश्य रखा गया है।
एमएसएमई क्लस्टरों का दौरा करेंगी वित्त मंत्री वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि वह देश के विभिन्न MSME क्लस्टरों का दौरा करेंगी। हर दौरे के बाद उन्हें बैंकों से रिपोर्ट मिलेगी कि कितना ऋण MSME को दिया गया है और क्या प्रगति हुई है। उनका कहना था कि सरकार कृषि ऋण के लिए पहले ही बहुत बड़े लक्ष्य निर्धारित कर चुकी है और अब MSME के लिए भी यही पहल की जा रही है।
सार्वजनिक और निजी बैंकों का प्रदर्शन वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि पिछले दो वित्तीय वर्षों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने MSME के लिए ऋणों में 9.2% की वृद्धि देखी है। हालांकि, निजी बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) ने क्रमशः 25% और 39% की वृद्धि दिखाई है। इसका मतलब यह है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को अपनी गति बढ़ानी होगी।
महामारी के दौरान MSME का समर्थन सीतारमण ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान किसी भी MSME को बिना मदद के नहीं छोड़ा गया। पीएम मोदी के निर्देश पर बैंकों ने सभी MSME को कॉल और संदेश भेजे और उनकी ऋण आवश्यकताओं को पूरा किया। उन्होंने यह भी बताया कि इस साल फरवरी में बजट के दौरान MSME के लिए 100 करोड़ रुपये की ऋण गारंटी योजना की घोषणा की गई थी, जिसे जल्द ही कैबिनेट के सामने मंजूरी के लिए रखा जाएगा।
100 करोड़ रुपये की ऋण गारंटी योजना वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि फरवरी में बजट के दौरान घोषित 100 करोड़ रुपये की ऋण गारंटी योजना को जल्द ही कैबिनेट से मंजूरी मिल जाएगी। यह योजना MSME को और अधिक वित्तीय सहायता देने के लिए बनाई गई है, ताकि छोटे व्यवसायों को उनके विकास के लिए आसानी से ऋण मिल सके।
वित्त मंत्री ने इस घोषणा से यह स्पष्ट किया कि सरकार MSME के लिए और अधिक समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए बैंकों को अतिरिक्त प्रयास करने की आवश्यकता है। इससे देश के छोटे और मझोले व्यवसायों को उधारी में मदद मिलेगी और वे अपनी वृद्धि और विस्तार के लिए बेहतर मौके पा सकेंगे।