Bantenge To Katenge: उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ का चर्चित बयान ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ न सिर्फ उत्तर प्रदेश, बल्कि महाराष्ट्र में भी चर्चा का विषय बन चुका है। जहां कुछ नेता इस नारे का समर्थन कर रहे हैं, वहीं कुछ इसके खिलाफ भी हैं।
एनसीपी के अध्यक्ष अजित पवार इस बयान का लगातार विरोध कर रहे हैं।
अजित पवार ने किया विरोध
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति में शामिल एनसीपी के नेता अजित पवार ने योगी आदित्यनाथ के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ बयान पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “मैं इस नारे का समर्थन नहीं करता। यह महाराष्ट्र में नहीं चलेगा। यह यूपी, झारखंड या कहीं और चल सकता है, लेकिन महाराष्ट्र में नहीं।” अजित पवार ने इस नारे के जवाब में ‘सबका साथ, सबका विकास’ को अपना संदेश बताया।
20 नवंबर को चुनावी तिथि
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को होंगे। इसी बीच कांग्रेस ने भी चुनावी वादों की झड़ी लगाई है, जिसमें जाति जनगणना और आरक्षण को 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ाने का वादा शामिल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ लगातार कांग्रेस की जातिवाद की सियासत पर हमलावर हैं।
प्रधानमंत्री मोदी और योगी के नारे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एक रहेंगे, सेफ रहेंगे’ का नारा दिया है, जबकि योगी आदित्यनाथ ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ और ‘एक रहेंगे तो नेक रहेंगे’ जैसे नारे दे रहे हैं। इस पर महायुति के साथी अजित पवार सवाल उठा रहे हैं। पहले भी अजित पवार ने कहा था कि महाराष्ट्र की धरती पर ऐसे बयान नहीं चल सकते, यह महाराष्ट्र की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धारा के खिलाफ है। उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र शिवाजी, आंबेडकर और शाहू महाराज की धरती है, यहां इस तरह की बातें नहीं चल सकतीं।”
अजित पवार की टिप्पणी
अजित पवार ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में बाहरी लोग आकर इस तरह के बयान देते हैं, जबकि अन्य राज्यों के बीजेपी मुख्यमंत्री तय करें कि क्या बोलना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि महायुति में गठबंधन है, लेकिन विचारधारा अलग-अलग है।
शिवसेना (शिंदे गुट) का जवाब
इस बीच, शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता संजय निरूपम ने इस नारे का समर्थन करते हुए कहा, “योगी आदित्यनाथ का कहना है कि अगर आप बिखर जाते हैं, तो आप कमजोर हो जाते हैं। अगर आप एकजुट रहते हैं, तो आप मजबूत रहते हैं। अजीत दादा को यह समझना पड़ेगा, ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ बिल्कुल चलेगा।”