Karnataka News: मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष के मैरीगौड़ा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। जिसका मुख्य कारण स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को बताया गया है। यह इस्तीफा ऐसे समय में आया है।
जब कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से जुड़े MUDA भूमि आवंटन विवाद की न्यायिक जांच चल रही है। मैरीगौड़ा सीएम सिद्धारमैया के करीबी माने जाते हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री के निर्देश पर और अपने बिगड़ते स्वास्थ्य के चलते यह निर्णय लिया है।
व्यक्तिगत निर्णय या राजनीतिक दबाव
मीडिया को जारी एक बयान में मैरीगौड़ा ने स्पष्ट किया कि उनका इस्तीफा राजनीतिक दबाव के कारण नहीं था। बल्कि यह उनके स्वास्थ्य की स्थिति से प्रेरित एक व्यक्तिगत निर्णय था। उन्होंने बताया कि मैंने मुख्यमंत्री से मुलाकात की और उनके निर्देश के अनुसार इस्तीफा दे दिया। मेरे स्वास्थ्य के कारण यह फैसला लेना पड़ा। न्यायिक जांच जारी रहेगी और आरोपों की सच्चाई सामने आएगी। मैरीगौड़ा ने सिद्धारमैया के साथ अपने पुराने संबंधों को स्वीकार किया। लेकिन यह भी कहा कि यह इस्तीफा दो बार स्ट्रोक आने जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से उत्पन्न हुआ था।
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स्वास्थ्य कारण बने इस्तीफे की वजह
मैरीगौड़ा का स्वास्थ्य इस्तीफे से पहले से ही चिंता का विषय था। बेंगलुरु की यात्रा के दौरान उन्हें गंभीर थकावट और परेशानी का सामना करना पड़ा। जिसके चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्रारंभिक उपचार के बाद उन्हें मैसूर में और अधिक विशेष चिकित्सा देखभाल के लिए स्थानांतरित किया गया। जहां उनकी स्वास्थ्य स्थिति गंभीर पाई गई। यह उनके MUDA से इस्तीफे का मुख्य कारण बना।
भूमि आवंटन विवाद की पृष्ठभूमि
मैरीगौड़ा का इस्तीफा उस विवादास्पद भूमि आवंटन मामले के बीच हुआ है। जिसमें वे और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया दोनों शामिल हैं। यह विवाद MUDA द्वारा कथित अनियमित आवंटन से जुड़ा है। जिसमें विशेष रूप से सिद्धारमैया की पत्नी बीएम पार्वती को मैसूर के प्रमुख क्षेत्र में मुआवजे के रूप में आवंटित किए गए भूखंड का मामला है। आरोप है कि पार्वती को 50:50 अनुपात योजना के तहत आवंटित भूखंड की कीमत अधिग्रहित भूमि से कहीं अधिक थी। जो कि आवंटन प्रक्रिया में पक्षपात और अनियमितताओं का संकेत देता है।
राजनीतिक उथल-पुथल और इस्तीफे की मांग
यह विवाद कर्नाटक में राजनीतिक भूचाल लेकर आया है। विपक्ष खासकर भाजपा ने इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के इस्तीफे की मांग की है। कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा उनकी याचिका खारिज होने के बाद विपक्ष ने यह मांग और भी तीव्र कर दी है। इस याचिका में आरोप लगाया गया था कि मुआवजा भूमि का आवंटन अनुचित तरीके से किया गया। जिससे व्यापक आलोचना का सामना करना पड़ा है।
जांच के नतीजों पर टिकी नजरें
MUDA भूमि आवंटन मामले की न्यायिक जांच जारी है और मैरीगौड़ा का इस्तीफा इस जांच का एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है। आने वाले समय में इस मामले की गहन जांच से यह स्पष्ट होने की उम्मीद है कि भूमि आवंटन प्रक्रिया में अनियमितताओं और पक्षपात के आरोपों में कितनी सच्चाई है।
स्वास्थ्य कारणों और विवादित भूमि आवंटन मामले की जांच के चलते के मैरीगौड़ा का इस्तीफा कर्नाटक की राजनीति में एक नया मोड़ लेकर आया है। जहां एक ओर यह इस्तीफा स्वास्थ्य से जुड़ी व्यक्तिगत समस्याओं के कारण बताया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर इसके राजनीतिक प्रभावों को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। सिद्धारमैया और मैरीगौड़ा दोनों ही इस मामले के केंद्र में हैं। ऐसे में MUDA के शासन और जवाबदेही पर इस जांच के परिणामों का व्यापक असर पड़ सकता है।