चण्डीगढ़ : हरियाणा की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती कविता जैन ने कहा है कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के नाम पर विपक्षी पार्टियां प्रदेश के लोगों को गुमराह कर अपनी राजनैतिक रोट्टिïयां सेंक रही हैं, जो सही नहीं है। हरियाणा देश का पहला राज्य है, जिसने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सातवें वेतन आयोग का लाभ दिया है और अपने हिस्से का मानदेय में सर्वाधिक 8140 रुपये का मासिक योगदान दे रहा है।
श्रीमती जैन आज यहां हरियाणा विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के दौरान शुन्य काल में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा प्रदेश में किए जा रहे आंदोलन पर लाए गये ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर सदन में जवाब दे रही थी। उन्होंने सदन को जानकारी दी कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सात महीने से मानदेय न दिए जाने की बात भी तथ्यों से परे है, केवल 2 महीने का मानदेय वकाया है, वह भी डिजिटल सिगनेचर के मिलान न होने के कारण लम्बित है। केन्द्र सरकार को इस बारे पत्र लिखा जा चुका है। उन्होंने इस बात से भी अवगत करवाया कि समेकित बाल विकास योजनाएं केन्द्र व राज्य सरकारों के 90:10 भागीदारी में चलाई जाती है, जिन्हें अब कम करके 60:40 किया गया है। उन्होंने बताया कि 58 करोड़ रुपये का अग्रिम वित्त विभाग से लिया गया है, जिसमें से 25 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है।
श्रीमती जैन ने कहा कि दस वर्ष की सेवा के उपरांत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को कुशल श्रमिक की श्रेणी में और उससे कम की सेवा में अर्धकुशल श्रेणी में रखा गया है। लघु आंगनवाड़ी केन्द्रों में सेवारत कार्यकर्ताओं को 10,286 व कुशल श्रेणी को 11,429 व सहायिका को 5,715 मासिक मानदेय देने का निर्णय लिया है। इससे राज्य सरकार के खजाने पर 150 करोड़ रुपये का वार्षिक अतिरिक्त वित्त भार पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि विपक्ष जो लाखों आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के आंदोलन पर चले जाने की बात कह रहा है वह भी गलत है। विभाग में ही कुल एक लाख से कम कर्मियों की संख्या है। उन्होंने कहा कि 25 प्रतिशत सुपरवाइजर पदों पर पदोन्नति का प्रावधान भी है।
श्रीमती जैन ने सदन को आश्वासन दिया कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का हर लम्बित भुगतान समय पर किया जाएगा।
ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर कांग्रेस पार्टी की सदन में नेता श्रीमती किरण चौधरी, विपक्ष के नेता श्री अभय सिंह चौटाला, विधायक श्रीमती गीता भुक्कल ने भी हिस्सा लिया।
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा देश का ऐसा पहला राज्य है, जहां आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को श्रमिकों की तर्ज पर कुशल व अर्धकुशल श्रेणी में रखने और कुशल श्रेणी के लिए 11,429 रुपये मासिक व अर्धकुशल श्रेणी के लिए 10,286 रुपये मासिक मानदेय देने का निर्णय लिया है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को भारतीय जनता पार्टी ने कभी पक्का कर्मचारी करने का कोई चुनावी वादा नहीं किया था।
मुख्यमंत्री, जो विधानसभा में सदन के नेता भी हैं, आज यहां हरियाणा विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के दौरान शुन्य काल में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा प्रदेश में किए जा रहे आंदोलन पर लाए गये ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर सदन में अपना जवाब दे रहे थे।
मुख्यमंत्री ने सदन को इस बात से भी अवगत करवाया कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओंं व सहायकों को वर्ष 2004-05 में तत्कालीन सरकार द्वारा स्वयंसेवी के रूप में उसी गांव में केन्द्रीय प्रायोजित व राज्य सरकार कीहिस्सेदारी के साथ चलाई जाने वाली समेकित बाल विकास योजनाओं में सहायता करने के लिए 1000 रुपये मानदेय के साथ रखा गया था, जिसे पिछली सरकार ने वर्ष 2008 में 2000 रुपये मासिक, 2009 में 3000 रुपये मासिक, 2011 में 3700 रुपये मासिक व चुनावी वर्ष को देखते हुए 2014 में 7500 रुपये मासिक किया था। हमारी सरकार ने पहली जनवरी, 2014 से लम्बित पिछले वकाया का भी भुगतान किया है।
मुख्यमंत्री ने इस बात की भी जानकारी दी कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में 1 मार्च, 2018 से नए मानदेय देने की सहमति बनी थी।