India Wraps Pakistan in UNGA: संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि दुनिया भर में आतंकवादी घटनाओं पर उसकी उंगलियों के निशान हैं।
उसे अच्छी तरह पता होना चाहिए कि भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद जारी रहने पर इसके निश्चित परिणाम भी भुगतने होंगे। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र की आम बहस में अपने संबोधन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाए जाने के जवाब में भारत ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में पड़ोसी देश को सख्त संदेश दिया।
आतंकवाद पर पाकिस्तान को किया बेनकाब
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में प्रथम सचिव भाविका मंगलानंदन ने कहा, यह सभा आज सुबह एक हास्यास्पद घटना का गवाह बनी। सेना द्वारा संचालित एक देश, जो आतंकवाद, नशीले पदार्थों के व्यापार और अंतरराष्ट्रीय अपराध के लिए वैश्विक पहचान रखता है, उसने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर हमला करने का दुस्साहस किया है। जैसा कि दुनिया जानती है, पाकिस्तान ने लंबे समय से अपने पड़ोसियों के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है। मंगलानंदन ने 2001 के भारतीय संसद हमले और पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों द्वारा किए गए 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों का जिक्र करते हुए कहा, इसने हमारी संसद, हमारी वित्तीय राजधानी मुंबई, बाजारों और तीर्थ मार्गों पर हमला किया है।
सूची लंबी है। ऐसे देश के लिए कहीं भी हिंसा के बारे में बोलना सबसे खराब पाखंड है।
शहबाज शरीफ ने उठाया कश्मीर मुद्दा
उन्होंने कहा, जैसा कि अपेक्षित था, शहबाज शरीफ ने अपने संबोधन में कश्मीर मुद्दा उठाया और कहा कि टिकाऊ शांति सुनिश्चित करने के लिए भारत को अनुच्छेद 370 को निरस्त करना चाहिए और मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान के लिए बातचीत में शामिल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत ने आपसी रणनीतिक संयम व्यवस्था के पाकिस्तान के प्रस्तावों को ठुकरा दिया है। इस संदर्भ में रणनीतिक संयम के कुछ प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने जोर देकर कहा कि आतंकवाद के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। वास्तव में पाकिस्तान को यह महसूस करना चाहिए कि भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद के नतीजे भी सामने आएंगे।
पाकिस्तान ने की ओसामा बिन लादेन की मेजबानी
अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह याद दिलाते हुए कि पाकिस्तान एक ऐसा देश है जिसने लंबे समय तक अल कायदा नेता ओसामा बिन लादेन की मेजबानी की, मंगलानंदन ने कहा कि पाकिस्तान की उंगलियों के निशान दुनिया भर में कई आतंकवादी घटनाओं पर हैं। शायद इसमें कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि इसके प्रधानमंत्री इस पवित्र हॉल में ऐसा बोलेंगे। फिर भी हमें यह स्पष्ट करना चाहिए कि उनके शब्द हम सभी के लिए कितने अस्वीकार्य हैं। हम जानते हैं कि पाकिस्तान सच्चाई का मुकाबला और अधिक झूठ से करना चाहेगा। दोहराव से कुछ नहीं बदलेगा, हमारा रुख स्पष्ट है और इसे दोहराने की जरूरत नहीं है।
1971 नरसंहार की दिलाई याद
युवा भारतीय राजनयिक ने कहा, असल सच्चाई यह है कि पाकिस्तान हमारे इलाके का लालच करता है और उसने भारत के अविभाज्य और अभिन्न अंग जम्मू-कश्मीर में चुनावों को बाधित करने के लिए लगातार आतंकवाद का इस्तेमाल किया है। यह हास्यास्पद है कि एक देश जिसने 1971 में नरसंहार किया था और जो अब भी अपने अल्पसंख्यकों पर लगातार अत्याचार करता है, असहिष्णुता और भय के बारे में बोलने की हिम्मत करता है। दुनिया खुद देख सकती है कि पाकिस्तान असल में क्या है।