2014 से पहले जब हुड्डा यहाँ मुख्यमंत्री थे, तब ऐसा कोई साल नहीं होता था जब दलितों के साथ अन्याय न होता हो। अनेक दलितों को जान से हाथ धोना पड़ा,और दलित परिवारों की बहू-बेटियों पर अत्याचार होते थे। हर कोई जानता था कि दलितों के खिलाफ इस घिनौने खेल को कांग्रेस ही खाद-पानी देती थी। जो भी कांग्रेस की इस हरकत के खिलाफ बोलता है, कांग्रेस उसके खिलाफ साजिशें करने लगती है। आज हरियाणा का दलित समाज का कांग्रेस ड्रामा देख रहा है। कांग्रेस ने हमेशा ही दलित, ओबीसी और आदिवासियों को भागीदारी से वंचित रखा है। यह तो बाबा साहब अंबेडकर थे, जिन्होंने दलितों को आरक्षण दिया, वर्ना ओबीसी की तरह दलितों को भी अपने हक के लिए कांग्रेस की हार का इंतजार करना पड़ता। जब-जब कांग्रेस सत्ता से दूर रही है तब तक गरीबों, एससी और ओबीसी को उनका हक मिला है और जब-जब कांग्रेस सरकार में रही है, उसने दलितों और पिछड़ों का हक छीना है। कांग्रेस के शाही परिवार से जो भी प्रधानमंत्री बना, उसने हमेशा आरक्षण का विरोध किया है। आरक्षण का विरोध और आरक्षण से नफरत, यह कांग्रेस के डीएनए में है। इसलिए आज भी हम देखते हैं कि कांग्रेस के शाही खानदान की चौथी पीढ़ी भी आरक्षण को हटाने की बात कर रही है। आपको कांग्रेस के आरक्षण विरोधी और आरक्षण होती चाल से सावधान रहना होगा।