शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले के आरोपी अक्षय शिंदे की पुलिस के साथ कथित मुठभेड़ में मौत पर मंगलवार को संदेह जताया और दावा किया कि राज्य की एकनाथ शिंदे सरकार स्कूल प्रबंधन के बचाव का प्रयास कर कर रही है।
राउत ने कहा कि यह “मुठभेड़” संदिग्ध है, लेकिन ऐसे आरोपी के प्रति सहानुभूति दिखाने की कोई जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा, “लेकिन यह हत्या या मुठभेड़ मुख्य आरोपी (स्कूल प्रबंधन) का बचाव करने के लिए की गई थी। यह कैसे संभव है कि कोई व्यक्ति पुलिसकर्मी से हथियार छीनता है और उससे गोली चला देता है? यह एक बुनियादी सवाल है।” राउत ने आरोप लगाया कि सरकार बदलापुर स्कूल प्रबंधन को बचाने की कोशिश कर रही है।
महाराष्ट्र के ठाणे जिले के बदलापुर शहर के एक स्कूल में दो नाबालिग लड़कियों के यौन उत्पीड़न के आरोपी अक्षय शिंदे की सोमवार शाम एक पुलिसकर्मी की पिस्तौल छीनने और गोली चलाने के बाद पुलिस की जवाबी गोलीबारी में मौत हो गई। हालांकि, इस घटना को लेकर चौतरफा सवाल उठने लगे हैं।
राज्यसभा सदस्य राउत ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस स्कूल प्रबंधन को बचाना चाहते थे और इसके लिए वे अहम साक्ष्यों को नष्ट करना चाहते थे। उन्होंने दावा किया, “यह एक बड़ी साजिश है। जिन लोगों को बचाया जा रहा है, उन्हें मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का संरक्षण मिला हुआ है।” उन्होंने कहा कि यौन उत्पीड़न की घटना के समय का स्कूल का सीसीटीवी फुटेज गायब है। राउत ने दावा किया, “स्कूल बीजेपी से जुड़ा हुआ है और कल की कहानी (अक्षय शिंदे की हत्या) उन्हें बचाने के लिए बनाई गई।”
इस बीच शिवसेना सांसद नरेश म्हास्के, जो मुख्यमंत्री शिंदे नीत पार्टी के प्रवक्ता भी हैं, ने पुलिस की बहादुरी पर सवाल उठाने वाले विपक्षी दलों की टिप्पणियों की आलोचना की। उन्होंने पुलिस पर लगाए गए आरोपों पर निराशा जतायी और दलील दी कि इस तरह की बयानबाजी कानून प्रवर्तन अधिकारियों की वीरता और पेशेवराना कुशलता को कमतर करती है। म्हास्के और शिवसेना के अन्य नेता सहायक पुलिस निरीक्षक नीलेश मोरे का हालचाल लेने के लिए ठाणे के ज्यूपिटर अस्पताल गए। मोरे सोमवार को अक्षय शिंदे द्वारा पुलिस पर की गई गोलीबारी में घायल हो गए थे।