Haryana polls 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले एक साहसिक कदम उठाते हुए बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती ने दलित नेताओं से कांग्रेस और इसी तरह की “जातिवादी पार्टियों” से अलग होकर डॉ. बीआर अंबेडकर की विचारधाराओं को अपनाने का आह्वान किया है।
एक्स पर कई पोस्ट के ज़रिए साझा की गई मायावती की आलोचना में दलित नेताओं के शोषण के लिए मुख्य रूप से कांग्रेस और इसी विचारधारा वाली दूसरी पार्टियों को निशाना बनाया गया है।
उनका कहना है कि ये पार्टियाँ दलितों को सिर्फ़ संकट के समय ही प्रमुख पदों पर बिठाती हैं और स्थिति स्थिर होने पर उन्हें बाहर कर देती है।’
उन्होंने लिखा है कि ‘देश में अभी तक के हुए राजनीतिक घटनाक्रमों से यह साबित होता है कि खासकर कांग्रेस व अन्य जातिवादी पार्टियों को अपने बुरे दिनों में तो कुछ समय के लिए इनको दलितों को मुख्यमंत्री व संगठन आदि के प्रमुख स्थानों पर रखने की जरूर याद आती है किन ये पार्टियाँ, अपने अच्छे दिनों में, फिर इनको अधिकांशतः दरकिनार ही कर देती हैं तथा इनके स्थान पर, फिर उन पदों पर जातिवादी लोगों को ही रखा जाता है, जैसा कि अभी हरियाणा प्रदेश में भी देखने के लिए मिल रहा है।’
‘जबकि ऐसे अपमानित हो रहे दलित नेताओं को अपने मसीहा बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर से प्रेरणा लेकर इन्हें खुद ही ऐसी पार्टियों से अलग हो जाना चाहिए तथा अपने समाज को फिर ऐसी पार्टियों से दूर रखने के लिए उन्हें आगे भी आना चाहिए।’