कांग्रेस नेता राहुल गांधी का आरक्षण विरोधी बयान और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा दलित नेताओं का अपमान अब कांग्रेस के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। रविवार को जींद और बादली में दलित समाज के लगभग 20 हजार लोग एकत्रित हुए और खुलकर कांग्रेस की दलित विरोधी मानसिकता का विरोध किया। यहां तक कि दोनों ही स्थानों पर दलित समाज के हजारों लोगों ने चुनाव में कांग्रेस का विरोध करने का फैसला लिया। जींद की नई अनाज मंडी में रविवार को वंचित अनुसूचित जाति वर्ग का महासम्मेलन हुआ। हरियाणा के साथ-साथ, दिल्ली, पंजाब व अन्य राज्यों से हजारों की संख्या में वर्ग के लोगों ने हिस्सा लिया। अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों ने भाजपा से सुप्रीम कोर्ट के फैसले को जल्द लागू करने की मांग की। देवीदास वाल्मीकि ने कहा कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति के आरक्षण के वर्गीकरण का फैसला दिया था जो कि एतिहासिक फैसला था। अनुसूचित जाति वर्ग में जो आज भी निम्न स्तर पर जी रहे हैं, उनको आरक्षण में वर्गीकरण होने का फायदा मिलेगा। आज तक केवल एक जाति ही आरक्षण का लाभ ले रही है जबकि अन्य जातियां आज भी आर्थिक रूप से पिछड़ी हुई है। यदि प्रदेश सरकार आरक्षण को नौकरियों में लागू कर दे तो अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को भी लाभ मिल जाएगा। उनके परिवारों को भी नौकरियों में हिस्सेदारी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों वंचित अनुसूचित जाति वर्ग ने बैठक कर भाजपा सरकार को हरियाणा में इस फैसले को लागू करने के लिए 21 सितंबर तक का समय दिया गया था। अल्टीमेटम के बावजूद मांग पूरी नहीं होने पर रविवार को डीएससी महासम्मेलन जींद में बुलाया गया था। महासम्मेलन में रविवार को गणमान्य लोगों ने निर्णय लिया कि फैसले को लागू करने के लिए भाजपा को एक और मौका दिया जाए। यदि विधानसभा चुनाव के बाद सरकार बनने पर भाजपा प्रदेश में ये फैसला लागू नहीं करती है तो भविष्य में वंचित अनुसूचित जाति वर्ग भाजपा का भी साथ नहीं देगा। महासम्मेलन में स्वदेश किराड़, दर्शन रतन रावण, चंद्रपाल अनार्य, गुरुशरण दास महाराज, बाबा संगम नाथ, बाबा मंशा महाराज सहित समाज के काफी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
*बादली में भी दलितों ने किया कांग्रेस का विरोध*
कांग्रेस की दलित विरोधी मानसिकता का दलित समाज खुलकर विरोध कर रहा है। चुनाव के ऐन वक्त दलितों का विरोध कांग्रेस पार्टी को विधानसभा चुनाव में भारी पड़ने वाला है। झज्जर जिला की बादली विधानसभा में दलित समाज एकत्रित हुए और एक सभा का आयोजन किया। सभा में दलित समाज ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कर कांग्रेस का बॉयकाट कर भाजपा प्रत्याशी ओम प्रकाश धनखड़ को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है।
कांग्रेस की नीति सदा से ही दोगली रही है। वोट बटोरना, समाज को खंड-खंड करने की रणनीति के तहत ही कांग्रेस अपनी राजनीति चमकाती रही है। अब कांग्रेस की इस विखंडनकारी नीति को समाज अच्छी तरह से समझ चुका है। यही कारण रहा है कि आज दलित समाज ने कांग्रेस को संविधान और संविधान में दिए गए अधिकारों का हनन करने वाली पार्टी करार कर दिया है। सम्मेलन में दलित नेताओं ने कहा कि कांग्रेस दलित समाज की राजनीति में हिस्सेदारी को खत्म करने का दुस्साहस कर रही है। बादली विधानसभा से बीएसपी उम्मीदवार के अपहरण और दबाव बनाकर पर्चा उठाने के मुद्दे पर दलित समाज भड़का हुआ है। दलित समाज के नेताओं ने कांग्रेस को ललकारते हुए कहा है कि अब वोट की चोट से ही कांग्रेस को जवाब दिया जाएगा। वहीं कांग्रेस नेत्री सांसद कुमारी सैलजा का कांग्रेस नेताओं द्वारा अपमान करना व अभद्र टिप्पणी ने आग में घी का काम कर दिया है। दलित नेताओं का कहना है कि कांग्रेस एक षड़यंत्र के तहत दलित नेताओं को राजनीतिक दृष्टि से नीचा दिखा रही है। डा. अशोक तंवर की तरह ही सैलजा को भी राजनीतिक रूप से खत्म करने का कांग्रेस का प्रयास है।
दलित नेताओं ने मंच से खुलकर कांग्रेस का विरोध करते हुए कहा कि कांग्रेस बाबा साहेब अम्बेडकर के सपनों को खत्म करने व संविधान में दिए अधिकारों को समाप्त करना चाहती है। दलित समाज ने एक स्वर में भाजपा नेता एवं प्रत्याशी ओम प्रकाश धनखड़ का समर्थन किया। सभा में मुख्य रूप से सरपंच प्रीत, रणबीर प्रधान रविदास समाज, दलित नेता सोलंकी, राजबामरी समाज प्रधान दादरी तोए, रविदास समाज प्रधान रमेश, पूर्व सरपंच भीम सिंह, धानक समाज प्रधान लीलाराम, पूर्व सरपंच किलोई चांद, पूर्व सरपंच दिनेश, अमित बाल्मिकी, रवि बाल्मिकी, रविन्द्र कुमार समेत अनेक दलित नेता उपस्थित रहे।