हरमनप्रीत ने कहा कि खेल के दृष्टिकोण से, हमारे आक्रमण और पेनल्टी कॉर्नर हमारी ताकत हैं लेकिन हम ऐसा करेंगे विशेष रूप से जापान, मलेशिया और पाकिस्तान जैसी टीमों के खिलाफ एक संरचित रक्षा खेलना चाहते हैं।
पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक विजेता भारतीय टीम आठ सितम्बर से यहां शुरु होने वाली हीरो एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में अपने खिताब की रक्षा के लिये कमर कस चुकी है। मोकी हॉकी ट्रेनिंग बेस पर शुरू होने वाली प्रतियोगिता में भारत खिताब बचाने के प्रबल दावेदार के रूप में शुरुआत कर रहा है, जबकि मेजबान चीन, जापान, पाकिस्तान, कोरिया और मलेशिया इस टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन की उम्मीद के साथ पहुंचे हैं।
पिछले साल, भारत ने घरेलू मैदान पर चैंपियंस ट्राफी का खिताब जीता था और इसके साथ ही वह टूर्नामेंट के इतिहास में चार खिताब जीतने वाली एकमात्र टीम बन गई थी। टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह इस साल भी महाद्वीपीय चैंपियनशिप में भारत का दबदबा जारी रखना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, “पिछले साल एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी ने हमें एशियाई खेलों में जाने के लिए सही शुरुआत हासिल की और इसके बाद ओलंपिक खेलों में फिर से पोडियम पर पहुंचने की जीत हासिल की। इस बार भी, हम यह टूर्नामेंट जीतकर नए सिरे से ओलंपिक चक्र शुरू करना चाहते हैं। हालांकि इस टूर्नामेंट में हमारे ओलंपिक टीम के दस सदस्य खेल रहे हैं, हमारे पास कुछ युवा खिलाड़ी हैं जो टीम में अपना प्रभाव डालने की कोशिश कर रहे हैं।”
हरमनप्रीत ने कहा कि खेल के दृष्टिकोण से, हमारे आक्रमण और पेनल्टी कॉर्नर हमारी ताकत हैं लेकिन हम ऐसा करेंगे विशेष रूप से जापान, मलेशिया और पाकिस्तान जैसी टीमों के खिलाफ एक संरचित रक्षा खेलना चाहते हैं। विश्व रैंकिंग अंकों के मामले में यह हमारे लिए एक महत्वपूर्ण टूर्नामेंट है और हम चुनौती के लिए तैयार हैं।
भारत अपने अभियान की शुरुआत मेजबान चीन के खिलाफ शुरुआती मैच से करेगा और उसके बाद नौ सितंबर को जापान के खिलाफ अपना दूसरा मैच खेलेगा। एक दिन के आराम के बाद भारत 11 सितंबर को पिछले साल के उपविजेता मलेशिया से भिड़ेगा और 12 सितंबर को कोरिया से खेलेगा। एक दिन के ब्रेक के बाद, भारत 14 तारीख को प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से भिड़ेगा जबकि सेमीफाइनल और फाइनल क्रमशः 16 और 17 सितंबर को होंगे।