नई दिल्ली/टीम डिजिटल। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने मंगलवार को मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) पर हमला करते हुए कहा कि सामाजिक ताने-बाने को छिन्न-भिन्न कर राज्य के लोगों के सामने पहचान का संकट खड़ा करने वाली सपा के डीएनए (DNA) में अराजकता और गुंडागर्दी पैवस्त है और उसके शासन में हर नौकरी की नीलामी होती थी।
चाचा-भतीजे पर लगाए आरोप सीएम योगी ने मैनपुरी जिले के करहल में 361 करोड रुपए से अधिक की 379 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करने के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) पर लूटखसोट के गम्भीर आरोप भी लगाये। करहल विधानसभा सीट अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के कन्नौज से सांसद चुने जाने के बाद रिक्त हुई है। इस सीट पर उपचुनाव होना है।
विकास कार्य में पिछड़ गया मैनपुरी CM योगी ने कहा कि, मैं पूछना चाहता हूं कि मैनपुरी कभी वीवीआईपी जनपद माना जाता था लेकिन वह विकास के कार्य में क्यों पिछड़ गया? इसे पहचान का मोहताज बनाने वाले कौन लोग थे? उन्होंने कहा कि, आपने उनके (सपा) कारनामों को देखा होगा। इनका कारनामा वही है जो अयोध्या में एक निषाद बेटी के साथ सपा के नेता द्वारा किया था। उन्होंने कहा कि, यह इनका चेहरा है। इनके वास्तविक कारनामे देखने हों तो कन्नौज में घटित घटना और नवाब ब्रांड समाजवादी पार्टी का वास्तविक चेहरा है।”
पहचान का संकट खड़ा CM आदित्यानाथ ने कहा, ”यह वही लोग हैं जिन्होंने आपके सामने पहचान का संकट खड़ा किया, सामाजिक ताने-बाने को छिन्न-भिन्न किया। अराजकता और गुंडागर्दी इनके डीएनए का हिस्सा है। इनका मॉडल विकास का नहीं है। यह लोग विकास के कार्यों में लूट मचाने वाले लोग हैं। इन्होंने विकास और गरीब कल्याण के लिए जो धनराशि राज्य की लगनी चाहिए थी उसमें लूटखसोट की। नौजवानों को मिलने वाली नौकरियों में डकैती डाली गई।”
चाचा-भतीजा समान भागीदार सीएम योगी ने अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव पर कटाक्ष करते हुए उनका नाम लिये बगैर कहा, ”2017 से पहले हर नौकरी बिकती थी। उसकी नीलामी होती थी। वसूली में चाचा और भतीजा समान भागीदार होते थे और बाद में जब ज्यादा वसूली होती थी तो चाचा को धकेल दिया जाता था और भतीजा अकेले ही बैग लेकर भाग जाता था। यही दृश्य पूरे प्रदेश का हुआ करता था।”
उन्होंने कहा कि, इनको मैनपुरी और इटावा की चिंता नहीं थी। इन्हें स्वयं की चिंता थी इसीलिए जब उन्हें लगा कि उत्तर प्रदेश सुरक्षित नहीं रहा तो दोनों ने अपने लिए दुनिया के अलग-अलग देश में द्वीप खरीद लिए होंगे।