दिल्ली सरकार सर्दियों में राष्ट्रीय राजधानी में एयर क्वालिटी में सुधार और प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए खास प्लान के तहत काम कर रही है। केजरावाल सरकार ने हाल में विंटर एक्शन प्लान को लेकर एक्सपर्ट के साथ सचिवालय में राउंड टेबल चर्चा भी की।
दरअसल, दिल्ली में 2016 में साफ हवा वाले दिनों की संख्या 110 दिन थी, जो 2023 में बढ़कर 206 दिन हो चुकी है। वहीं वर्ष 2016 के मुकाबले कंस्ट्रक्शन वर्क और गाड़ियों की संख्या भी बढ़ी है। ऐसे में दिल्ली सरकार एक बार फिर से ऑड-इवन फार्मूले पर आगे बढ़ेगी।
दिल्ली में विंटर एक्शन प्लान को लेकर 5 सितंबर को सभी संबंधित विभागों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित होने जा रही है। इसी बैठक में प्लान के तहत कार्य योजना तैयार की जाएगी। इसके साथ ही मीटिंग अलग-अलग विभागों को विंटर एक्शन प्लान के तहत निर्धारित किए गए फोकस बिंदुओं के आधार पर प्लान बनाने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
दिल्ली सरकार कराएगी कृत्रिम वर्षा
दिल्ली में ‘गंभीर’ श्रेणी के प्रदूषण वाले दिनों में एक्सपर्ट्स ने कृत्रिम वर्षा कराने का सुझाव दिया है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के मुताबिक, राय ने कहा कि 78 विभागों और संस्थाओं के अधिकारियों और प्रतिनिधियों के सुझावों पर आगे का विंटर एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा। इस बैठक का उद्देश्य भी यही था कि विशेषज्ञों द्वारा दिए गए सुझाव से विंटर एक्शन प्लान को और प्रभावी बनाया जा सके। उन्होंने बताया कि पांच सितंबर को सभी संबंधित विभागों के साथ समीक्षा बैठक कर संयुक्त कार्ययोजना तैयार की जाएगी और 14 सूत्री कार्य योजना तैयार की जाएगी।
14 सूत्रीय फोकस बिंदु
धूल प्रदूषण
वाहनों से होने वाले प्रदूषण
पराली जलाना
ओपन कूड़ा बर्निंग
औद्योगिक प्रदूषण
ग्रीन वार रूम एवं ग्रीन ऐप
हॉट स्पाट
रियल टाईम सोर्स अपार्शन्मेंट स्टडी
हरित क्षेत्र को बढ़ाना/ वृक्षारोपण
ई-वेस्ट इको पार्क
जन भागीदारी को बढ़ावा
पटाखों पर प्रतिबंध
केंद्र सरकार एवं पड़ोसी राज्यों के साथ संवाद
ग्रेप का प्रभावी क्रियान्वयन
विंटर एक्शन प्लान को लेकर एक्सपर्ट्स के सुझाव
कार्बन की वजह गाड़ियां, या कंस्ट्रक्शन नहीं बल्कि लोगों की आदत बदलने पर ज़र दिया जाता है। एक्सपर्ट ने एक कैंपेन के जरिए लोगों को जागरूक करने की सलाह दी है।
जब AQI गंभीर श्रेणी में पहुंचता है तो वर्क फ्रॉम होम पर फोकस किया जाता है. लेकिन एक्सपर्ट की सलाह है कि काफी पहले ही वर्क फ्रॉम होम लागू किया जा सकता है। इस पर भी विभागों को प्लान बनाने के लिए कहा गया है।
एक्सपर्ट ने सलाह दी है कि अगर ऑड इवन लागू नहीं होता है तो मैक्सिको की तर्ज पर ‘वॉलेंटियरली व्हीकल रेस्ट्रिक्शन’ लागू कर सकते हैं। यह ऑड इवन की तरह काम करता है, इस प्रयोग में चालान का प्रतिबंध नहीं होता है।
एक्सपर्ट ने ऑफिस की अलग अलग टाइमिंग करने का सुझाव दिया है. ताकि ऑफिस टाइम के दौरान ट्रैफ़िक जाम से व्हिकल प्रदूषण की समस्या से निपटा जा सके।
बायोमास कंट्रोल करने के लिए CSR फंड से सिक्योरिटी गार्ड्स को हीटर उपलब्ध कराया जाए।
प्रदूषण के हॉट स्पॉट्स पर ईंधन की गाड़ियों को प्रतिबंध कर इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर फोक्स किया जाए।
सर्दियों के मौसम में जब प्रदूषण बढ़े, तो 1 नवंबर से 15 नवंबर के बीच आर्टिफीशियल बारिश को लेकर समय से पहले प्रक्रिया को शुरू की जाए।