Jharkhand Election 2024: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के बागी और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के बाद दावा किया है कि आदिवासियों के हितों की रक्षा केवल भाजपा के शासन में ही हो सकती है।
उन्होंने झामुमो के कामकाज के प्रति नाराजगी जताई है। 67 वर्षीय चम्पाई सोरेन ने दावा किया है कि वह आदिवासियों के हितों की आवाज के लिए भाजपा के साथ आए हैं। ऐसे में अब सवाल उठता है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भाजपा और चम्पाई सोरेन का मुकाबला कैसे करेंगे?
चम्पाई सोरेन के गृह क्षेत्र कोल्हान के ज्यादात्तर नेता हेमंत के साथ!
हेमंत सोरेन के करीबियों का कहना है कि हेमंत ने चम्पाई सोरेन और भाजपा को मात देने की तैयारी कर ली है। जिस दिन 30 अगस्त को चम्पाई सोरेन केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की मौजूदगी में रांची के धुर्वा मैदान में बड़ी संख्या में समर्थकों के साथ भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।
उसी दिन बमुश्किल 15 किलोमीटर दूर, सीएम हेमंत सोरेन ने अपने आवास पर पोषण सखियों (आंगनवाड़ी कार्यकर्ता-सह-पोषण सलाहकार) से मुलाकात की, उनके मंत्रिमंडल ने उनकी बहाली को मंजूरी दे दी। इस कार्यक्रम में चम्पाई सोरेन के गृह क्षेत्र कोल्हान क्षेत्र के कई जेएमएम विधायक भी इस समारोह में शामिल हुए। जिनके नाम हैं, मंत्री दीपक बिरुआ, समीर मोहंती, दशरथ गगराई, सजीव सरदार, मंगल कालिंदी और निरल पुत्री।
इसका संदेश साफ था कि कोल्हान के जेएमएम नेता मजबूती से हेमंत सोरेन के सरकार के साथ खड़े हैं। इसके अलावा, उसी दिन घाटशिला के विधायक रामदास सोरेन ने मंत्री पद की शपथ लेने के बाद हेमंत मंत्रिमंडल में चम्पाई की जगह ली।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, झामुमो सूत्रों ने बताया कि हेमंत आने वाले विधानसभा चुनावों में कोल्हान क्षेत्र में पार्टी का वर्चस्व बनाए रखना चाहते हैं। कोल्हन बेल्ट में चम्पाई के निर्वाचन क्षेत्र सरायकेला और रामदास की सीट घाटशिला सहित 14 विधानसभा सीटें शामिल हैं।
2019 के चुनावों में भाजपा कोल्हान बेल्ट में कोई भी सीट नहीं जीत पाई थी। वहीं 11 सीटें जेएमएम ने जीती थीं, दो उसके इंडिया ब्लॉक सहयोगी कांग्रेस ने और एक सीट एक निर्दलीय ने जीती थी। चम्पाई को अपने पाले में शामिल करके भाजपा ने इस क्षेत्र में समर्थन जुटाने की कोशिश की है।