Rajasthan News: नाबालिग से बलात्कार के आरोप में सजा काट रहे आसाराम को जोधपुर से महाराष्ट्र ले जाया जा रहा है। पुलिस की एक टीम कड़ी सुरक्षा के बीच मंगलवार को दोपहर करीब डेढ़ बजे उन्हें सेंट्रल जेल से लेकर आई। दोपहर दो बजे तक उन्हें इंडिगो की फ्लाइट से मुंबई जाना था। जहां उनका खपोली के माधव बाग अस्पताल में इलाज होगा।
राजस्थान उच्च न्यायालय ने 13 अगस्त को आसाराम को इलाज के लिए सात दिनों की सशर्त पैरोल दी थी। न्यायालय ने साफ किया कि पैरोल अवधि उस दिन से शुरू होगी। जिस दिन वह अस्पताल पहुंचेगा। जिस निजी कमरे में आसाराम का इलाज किया जाएगा। वहां 24 घंटे पुलिस सुरक्षा रहेगी और उसके रहने के दौरान किसी भी अतिरिक्त आगंतुक को अनुमति नहीं दी जाएगी। इलाज के दौरान होने वाले सभी यात्रा व्यय के लिए आसाराम जिम्मेदार है।
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एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन के अधिकारी हनुमान सिंह ने बताया कि आसाराम के किसी भी भक्त को एयरपोर्ट में प्रवेश करने से रोकने के लिए कड़े सुरक्षा उपाय किए गए हैं। सिंह ने कहा कि केवल फ्लाइट टिकट वाले लोगों को ही अंदर जाने की अनुमति है। यात्रियों को छोड़ने वाले परिवार के सदस्यों को एयरपोर्ट के अंदर किसी भी तरह की अव्यवस्था से बचने के लिए गेट पर ही रोक दिया जाता है।
#जोधपुर आसाराम को इलाज के लिए आज महाराष्ट्र ले जाने का है
आसाराम को रूटिंग फ्लाइट से आज महाराष्ट्र जाने का है l
आसाराम के महाराष्ट्र ले जाने को लेकर पुलिस एक्सन मोड में एयरपोर्ट ओर आने जाने वाले वाहनो को किया जा रहा चेक हाईकोर्ट से सात दिनों की आसाराम को मिली हुई है | pic.twitter.com/iuDlxWAuuX— Rahul Jangid (@RahulJangid0) August 27, 2024
आपको बता दें कि आसाराम को दो अलग-अलग बलात्कार मामलों में दोषी ठहराया गया है। 2013 में जोधपुर पुलिस ने उसे इंदौर के आश्रम से नाबालिग से बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया था। पांच साल की सुनवाई के बाद उसे 2018 में आजीवन कारावास की सजा मिली। गुजरात के गांधीनगर आश्रम के एक अन्य मामले में एक महिला ने उस पर बलात्कार का आरोप लगाया था। गांधीनगर कोर्ट ने भी उसे 2023 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश में आसाराम की पैरोल के लिए कई शर्तें शामिल थी। उन्हें यात्रा का सारा खर्च उठाना होगा और इलाज के दौरान वे लगातार पुलिस की निगरानी में रहेंगे। इस दौरान अधिकृत कर्मियों के अलावा कोई भी उनसे नहीं मिल सकता।
पैरोल देने का न्यायालय का निर्णय चिकित्सा आधार पर था। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आसाराम को आवश्यक उपचार मिले तथा किसी भी व्यवधान या अनधिकृत बातचीत को रोकने के लिए सख्त सुरक्षा प्रोटोकॉल बनाए रखा जाए।