Kangana Ranaut On Emergency Casting: बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत इस वक्त अपनी अपकमिंग फिल्म ‘इमरजेंसी’ को लेकर लाइमलाइट में बनी हुई हैं। उनकी फिल्म 6 सिंतबर में रिलीज होने जा रहा रही है।
इस बीच कंगना अपनी फिल्म को प्रमोट करने का एक मौका नहीं छोड़ रही हैं। कुछ दिन पहले ही फिल्म का ट्रेलर रिलीज हुआ था, जिसे लोगों ने काफी पसंद किया था। वहीं कुछ लोगों ने हंगामा करते हुए ‘इमरजेंसी’ की रिलीज पर रोक लगाने की मांग भी की थी। इसके बावजूद कंगना रनौत की सोलो डायरेक्टेड फिल्म रिलीज के लिए बिल्कुल तैयार है। हाल ही में एक्ट्रेस ने अपनी फिल्म की कास्टिंग को लेकर बात की। साथ ही बताया कि कास्टिंग के दौरान उनके खिलाफ कितनी साजिशें रची गई थीं।
इमरजेंसी के लिए की काफी मेहनत
Times Now की रिपोर्ट के मुताबिक, कंगना रनौत ने अपने इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने ‘इमरजेंसी’ की स्क्रिप्ट के लिए काफी मेहनत की थी। इसके लिए वो इसके लिए परफेक्ट टैलेंट को कास्ट करना चाहती थीं। हालांकि ऐसे करने में उन्हें काफी मुश्किले हुईं। कंगना ने कहा, ‘मेरी फिल्म की स्क्रिप्ट तैयार थी। जब इसकी कास्टिंग का वक्त आया तो मैं काफी डर गई थी। मुझे लगा कि हमारे पास बहुत कम ही अच्छे अभिनेता हैं। कुछ ओटीटी के कारण काफी बिजी चल रहे हैं।’
डॉक्टरों और हाउस स्टाफ पर शक क्यों?
CBI सूत्रों के मुताबिक, आरजी कर के 4 डॉक्टरों और हाउस स्टाफ का पॉलीग्राफी टेस्ट इसलिए कराया जा रहा है, क्योंकि यह पांचों वारदात वाली रात को उसी फ्लोर पर थे और सेमिनार हॉल के पास थे, जहां डॉक्टर के साथ दरिंदगी की गई। इनमें 2 डॉक्टर PG फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट हैं। एक हाउस स्टाफ मेंबर है। एक इंटर्न डॉक्टर है। CBI जांच में 2 सेमिनार रूम में 2 डॉक्टरों के फिंगरप्रिंट मिले हैं। हाउस स्टाफ मेंबर CCTV में पहले फ्लोर से तीसरे फ्लोर पर जाते देखा गया। इंटर्न डॉक्टर तीसरे फ्लोर पर ही था और उसने डॉक्टर से कुछ बातचीत भी की थी। CBI को सेमिनार हॉल की चिटकनी भी टूटी मिली। CBI इन सभी का पॉलीग्राफी टेस्ट करके यह जानना चाहती है कि क्या वारदात में इनका हाथ है? या इन्होंने सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की? या वारदात अंजाम देने के लिए रची गई साजिश में इनका भी कोई हाथ है?
CBI सूत्रों के अनुसार, 9 अगस्त की रात की टाइमलाइन
PG फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट दोनों डॉक्टरों ने पीड़िता के साथ डिनर किया था। डिनर करके दोनों डॉक्टर सेमिनार रूम में चले गए और पीड़िता डॉक्टर सेमिनार रूम में ही आराम करने लगी। दोनों डॉक्टर करीब 2 बजे तक पेरिस ओलंपिक में जैवलिन थ्रो इवेंट का फाइनल मुकाबला देखते रहे। सेमिनार रूम के ठीक सामने डॉक्टरों का स्लीपिंग रूम है, लेकिन उस रात पॉलीसोम्नोग्राफी टेस्ट करीब 2 बजे तक चले। टेस्ट खत्म होने के बाद दोनों डॉक्टर स्लीपिंग रूम में चले गए। हाउस स्टाफ मेंबर ने अपने बयान में बताया कि वह रात करीब पौने 3 बजे तीसरे फ्लोर पर गया था। CCTV में भी वह तीसरे फ्लोर पर जाता दिखा। इंटर्न डॉक्टर इंटर्न रूम में आराम कर रहा था और यह तीनों रूम सेमिनार रूम, स्लीपिंग रूम और इंटर्न रूम तीसरे फ्लोर पर ही आस-पास हैं। CBI इनके बयानों की सच्चाई जानने के लिए ही पॉलीग्राफी टेस्ट करा रही है।