पंजाब सरकार दशमेश कैनाल के जरिए राज्य के एक बड़ी आबादी को आपूर्ति करने की एक ठोस योजना को हरी झंडी दे दी है। जल संसाधन विभाग ने उन जिलों से जमीन के रिकॉर्ड मांगे हैं, जहां से दशमेश कैनाल गुजरती है। सरकार के इस कदम से प्रदेश के 58 गावों को पेजयल की आपूर्ति हो सकेगी। ऐसे में इसे मान सरकार का बड़ा कदम माना जा रहा है।
पंजाब सरकार ने मालवा नहर के साथ दशमेश नहर बनाने की रणनीति शुरू कर दी है। जल संसाधन विभाग ने रूपनगर, पटियाला और मोहाली के 58 गांवों का जमीन का रिकॉर्ड मांगे हैं। जानकारी के अनुसार, पटियाला, रूपनगर और मोहाली जिलों में आने वाले समय में पानी की कमी दूर हो जाएगी। इसके समाधान के लिए सरकार ने मालवा नहर के साथ-साथ दशमेश नहर बनाने की योजना पर काम शुरू कर दिया है।
दशमेश कैनाल प्रोजेक्ट के तहत सरकार ने इन तीनों जिलों के 58 गांवों से जमीन का रिकॉर्ड मांगा है। इसके लिए नहर पटवारियों की ड्यूटी लगाई गई है। पहले ये नहर मोहाली शहर के गांवों से होकर गुजरने वाली थी, लेकिन अब इसे बनूड़ के पास के गांवों से जोड़ने की योजना बनाई गई है। दशमेश नहर का मुद्दा पंजाब विधानसभा में भी उठाया गया था। प्रोजेक्ट की शुरुआत होशियारपुर के उपमंडल अधिकारी द्वारा जारी पत्र के बाद की गई है। आपको बता दें कि डेरा बस्सी के करीब 50 गांव हर साल सूखे की समस्या से जूझते हैं, जिससे फसलें प्रभावित होती हैं और लोगों को पीने के पानी की भी समस्या का सामना करना पड़ता है।
वर्ष 1998 से अटका था प्रोजेक्ट
दरअसल,दशमेश नहर प्रोजेक्ट 1998 से अटका था, जिसे अब हरी झंडी मिली है। इसके जरिए मोहाली, फतेहगढ़ साहिब, पटियाला और रूपनगर में इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से 3.21 लाख एकड़ जमीन को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होगा। इस वर्ष बजट सत्र के दौरान डेराबस्सी के विधायक ने पंजाब विधानसभा में भी डेराबस्सी के गांवों में नहरी पानी की समस्या को लेकर मुद्दा उठाया था। यहां तक कि होशियारपुर के उप मंडल अधिकारी ने नहरी पानी की उपलब्धता न होने के कारण कई गांवों में सूखे की स्थिति से जूझने को लेकर रिपोर्ट दी गई थी।