अखिल भारतीय कांग्रेस की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार एमएसपी के नाम पर किसानों को गुमराह कर रही है, विधानसभा करीब देखकर किसानों की नाराजगी दूर करने के लिए बिना सिर-पैर वाली घोषणाएं कर रही, ऐसी घोषणाएं करने से कुछ नहीं होगा, किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि अनाज मंडी में आने वाली फसल को एमएसपी पर खरीदा जाए, फसल की गुणवत्ता को बहाना कर खरीद से इंकार न किया जाए ऐसे हालात में कर्ज का मारा किसान औने-पौने दाम में फसल बेचकर घर लौटता है, इससे ज्यादा शर्म की बात हो ही नहीं सकती, सरकार को अन्नदाता किसान को सम्मान करना सीखना चाहिए।
मीडिया को जारी बयान में उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने रविवार को 24 फसलों पर एमएसपी की घोषणा कर एक प्रकार से किसानों को गुमराह करने का प्रयास किया है, सरकार को घोषणा के बजाए एमएसपी पर कानूनी गारंटी देनी चाहिए थी जो बहुत जरूरी है और किसान इसी के लिए संघर्ष कर रहा है क्योंकि सरकार ने आज घोषणा की है कल को इससे मुकर भी सकती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश ने पहले 14 फसलों पर एमएसपी देने का दावा करते हुए था कि ये देश में ज्यादा है, केंद्र सरकार पहले ही 24 फसलों पर एमएसपी देने की बात करती है यानि प्रदेश सरकार पहले से ही दस फसलों पर एमएसपी दे ही नहीं रही थी। इससे साबित होता है कि प्रदेश सरकार की किसानों के प्रति नीयत साफ नहीं है और उनकी कोई ठोस नीति है। उन्होंने कहा कि किसानों ने एमएसपी की कानूनी गारंटी को लेकर 15 अगस्त से दिल्ली में धरने की चेतावनी दी हुई है सरकार ने इससे घबरा कर रही एक घोषणा की है जिसका कोई औचित्य नहीं है।
उन्होंने कहा कि एमएसपी लागू करना केंद्र की योजना है जिसे राज्य सरकार लागू करती है पर एमएसपी के नाम पर मुख्यमंत्री ने घोषणा कर किसानों को अंधेरे में ही रखा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार केंद्र द्वारा निर्धारित एमएसपी कहां फसल खरीदती है, कपास की ही फसल को लेकर मंडी में आज तक एमएसपी पर खरीदी नहीं जाता, उसके रेशे में कोई न कोई कमी बताकर खरीदने से ही इंकार कर दिया जाता है ऐसे में किसान औने पौने भाव में कपास बेचकर घर चला रहा है ऐसे में भाजपा सरकार किस मुंह से स्वयं को किसान हितेषी कहती है। सरसों खरीद में भी किसानों से छल किया जाता है एक निर्धारित मात्रा में ही किसान से सरकार से सरसों खरीदी जाती है अगर सरसों की अच्छी पैदावार हो गई तो किसान सरसों लेकर कहां जाएगा। उन्होंने कहा कि सीएम ने एसएसपी को लेकर जो घोषणा की है वह सिर्फ एक घोषणा ही है, अगर सरकार किसान हितेषी है तो उसे एमएसपी पर कानूनी गारंटी देनी चाहिए।