हरियाणा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष चौधरी उदयभान ने प्रदेश भर में पिछले कई दिनों से चल रही एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर चिंता जाहिर की है। चौधरी उदयभान ने कहा कि भाजपा सरकार में स्वास्थ्य सेवाओं का जनाजा निकला हुआ है। लोग इलाज के लिए भटकने को मजबूर हो रहे हैं। मांगें पूरी नहीं होने से कर्मचारी आंदोलन करने को मजबूर हो रहे हैं। सरकार को अपनी हठधर्मिता के आगे कर्मचारियों का आंदोलन और जनता का दर्द नजर नहीं आ रहा। जान-बूझकर मरीजों की जान जोखिम में डाली जा रही है। प्रदेश भर में चिकित्सकों के पद खाली पड़े हैं, जिस कारण स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हो रही हैं।
चौधरी उदयभान ने कहा कि प्रदेश में 28500 चिकित्सकों की जरूरत है लेकिन 14 हजार चिकित्सक ही रजिस्टर्ड हैं। यानी स्वास्थ्य सेवाओं में 14500 चिकित्सकों की कमी है। आबादी के हिसाब से एक हजार लोगों पर एक चिकित्सक होना चाहिए, लेकिन हरियाणा में 2035 लोगों पर एक चिकित्सक तैनात है। ऐसे में लोगों को कैसे बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल पाएंगी? अस्पतालों में 200 लोगों पर एक बेड होना चाहिये लेकिन 2086 लोगों पर एक बेड मिल रहा है। सीनियर मेडिकल ऑफिसर, मेडिकल ऑफिसर, डेंटल सर्जन के 5253 में से 1100 पद खाली पड़े हैं। भाजपा सरकार ने जो आयुष्मान कार्ड योजना चलाई थी, वह बंद पड़ी है। जिन अस्पतालों में चिकित्सकों ने आयुष्मान के तहत उपचार किए थे, उनकी 200 करोड़ रुपये से ज्यादा की पेमेंट बकाया है। पेमेंट नहीं होने से निजी अस्पताल संचालक भी आयुष्मान के तहत उपचार करना बंद कर चुके हैं। कुछ दिन पहले चिकित्सक भी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर थे।
प्रदेश का हर वर्ग सरकार की नीतियों से खफा होकर सड़कों पर उतर आंदोलन करने को मजबूर हो रहा है। कोरोना काल में भी सरकार स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाने में हर मोर्चे पर फेल रही थी। मरीजों को समय पर न दवा मिल पाई और न ही आक्सीजन मिल पाई। हजारों लोगों को आक्सीजन की कमी के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी। यह सरासर सरकार की असफलता थी लेकिन भाजपा इसे स्वीकार नहीं कर रही है। भाजपा शासन में लोगों को न तो कोई नया मेडिकल कालेज मिला है और न ही स्वास्थ्य सुविधाएं मिल पाई हैं। एमबीबीएस की फीस बढ़ाकर 40 लाख रुपये तक कर दी है। इतनी भारी-भरकर फीस के कारण गरीब, एससी, ओबीसी और मध्यम वर्ग के बच्चे एमबीबीएस की पढ़ाई नहीं कर पा रहे।
चौधरी उदयभान ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की हुड्डा सरकार में नया स्वास्थ्य विश्वविद्यालय, छह नए मेडिकल कालेज (करनाल, मेवात, खानपुर, महेंद्रगढ़, भिवानी, फरीदाबाद) के अलावा एम्स-2 और बाढ़सा में नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट बनवाया। साथ ही एम्स-2 में 10 राष्ट्रीय सुपर स्पेशिलिटी संस्थान स्वीकृत करवाए। भूपेंद्र हुड्डा के शासनकाल में 641 नए ग्रामीण अस्पताल, सीएचसी व पीएचसी बनवाए। उस समय एमबीबीएस की फीस महज 40 हजार रुपये हुआ करती थी। वर्तमान भाजपा सरकार द्वारा नए कॉलेज तो दूर की बात, स्वीकृत एम्स मनेठी का काम तक शुरू नहीं करवाया गया। भाजपा ने स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार की बजाय कांग्रेस की कांग्रेस सरकार के दौरान स्वीकृत एम्स-2 के सभी 10 सुपर स्पेशिलिटी संस्थानों को रद्द करवा दिया। इससे स्पष्ट है कि बीजेपी कांग्रेस सरकार द्वारा स्थापित स्वास्थ्य तंत्र को पूरी तरह बर्बाद करने में लगी है। लेकिन प्रदेश में फिर से कांग्रेस सरकार बनने पर स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त किया जाएगा और राजस्थान की कांग्रेस सरकार की तर्ज पर गरीबों को 25 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज दिया जाएगा।