– नई दिल्ली से अभियान दल माउंट किलिमंजारो के लिए रवाना – चोटी पर 7,800 वर्ग फुट का राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे दिव्यांगजन
नई दिल्ली, 30 जुलाई (हि.स.)। रक्षा मंत्रालय ने अफ्रीकी महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी पर सबसे विशाल भारतीय झंडा फहराने के लिए पहला अभियान शुरू किया है।
नई दिल्ली में इस अभियान को रक्षा मंत्रालय की अपर सचिव दीप्ति मोहिल चावला ने मंगलवार को कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान से माउंट किलिमंजारो के लिए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
रक्षा मंत्रालय के तत्वावधान में हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान (एचएमआई) ने कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान से अफ्रीकी महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो तक दिव्यांगजन अभियान चलाया है। इस अभियान दल में उदय कुमार 91 प्रतिशत दिव्यांग हैं, जिनका एक पांव घुटने से ऊपर तक कटा है। उदय कुमार पहले ही पश्चिमी सिक्किम के कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान में माउंट रेथेनॉक (16,500 फीट) पर चढ़ चुके हैं। इनके अलावा दल में वायु सैनिक और हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान के प्राचार्य ग्रुप कैप्टन जय किशन, कैप्टन श्रुति एस. चनवीरगौड़ा, सूबेदार महेंद्र कुमार यादव, पावेल शर्मा और सुश्री सुलक्षणा तमांग हैं।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक 78वें स्वतंत्रता दिवस पर यह अभियान दल अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो पर सबसे बड़ा भारतीय ध्वज फहराने वाले पहले दिव्यांगजन अभियान के रूप में इतिहास रचेगा। भारत के गौरव और एकता को प्रदर्शित करते हुए 7,800 वर्ग फुट का राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित किया जाएगा। यह अभियान भारतीय लोगों की शक्ति, दृढ़ संकल्प और एकता का प्रमाण है। इसका उद्देश्य युवाओं, दिव्यांगजनों और वंचित लोगों को अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करना है, चाहे वे सपने कितने ही मुश्किल क्यों न हों।
हाल ही में कर्नल हेम चंद्र सिंह के नेतृत्व में जवाहर पर्वतारोहण एवं शीतकालीन खेल संस्थान की एक टीम ने लद्दाख के त्सो मोरारी क्षेत्र में माउंट चामसार (6,630 मीटर) और माउंट लुंसर (6,666 मीटर) पर तीन दिनों के रिकॉर्ड समय में सफलतापूर्वक चढ़ाई की है। दोनों चोटियों पर 14 साल के अंतराल के बाद चढ़ाई की गई।