शिरोमणि अकाली दल (शिअद) में जारी अंतर्कलह और बढ़ गई है. इसी बीच पार्टी की अनुशासनात्मक कमेटी ने पार्टी में विद्रोही रुख अपना रहे नेताओं गुरप्रताप सिंह वडाला, बीबी जागीर कौर, पूर्व सांसद प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा, परमिंदर सिंह ढींडसा, सिकंदर सिंह मलूका सुरजीत सिंह रखड़ा, समेत कुल आठ सीनियर नेताओं को पार्टी की प्राइमरी मेंबरशिप से बेदखल कर दिया है.
शिअद में चल रहे इस असंतोष की वजह से ही कुछ पार्टी नेताओं ने, पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ ही बगावत का रुख अपनाया था. बागी नेताओं की मांग थी कि सुखबीर बादल को पार्टी के अध्यक्ष पद से हटाया जाए. जिसके बाद, पार्टी ने अब इन्हीं बागी नेताओं के खिलाफ एक्शन लिया है.
चंडीगढ़ में हुई थी बैठक
बता दें कि शिरोमणि अकाली दल की अनुशासन समिति की एक आपात बैठक आज चंडीगढ़ में हुई है. इसकी अध्यक्षता बलविंदर सिंह भूंदड़ ने की. कमेटी सदस्य महेशइंदर सिंह ग्रेवाल और गुलजार सिंह रणीके ने वर्चुअली इस बैठक में हिस्सा लिया था. इसी बैठक में पार्टी विरोधी गतिविधियों के मामले पर गंभीर पर चर्चा हुई. जिसके बाद इन नेताओं को पार्टी की सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया. इसके साथ ही 7 विधानसभा क्षेत्रों के मौजूदा प्रभारियों को भी हटा दिया गया है.
अकाली से निष्कासन बहुत निंदनीय- चरणजीत सिंह बराड़
अकाली दल के बागी नेता चरणजीत सिंह बराड़ ने कहा है कि उन्हें इस तरह से पार्टी से निकालना बेहद निंदनीय है. पार्टी की ओर से उन्हें कोई भी लेटर नहीं जारी किया गया था. उन्होंने कहा कि यह फैसला अकाली दल के अध्यक्ष का है. उसे स्वीकार करना होगा. वहीं, बीबी जागीर कौर ने कहा कि बलविंदर सिंह भूंदड़ ने वही फैसला सुनाया जो सुखबीर ने कहा.
चिंता व्यक्त करने का दिया गया था मौका
अकाली दल की अनुशासन समिति ने लंबी चर्चा के बाद निष्कर्ष निकाला कि निष्कासित सभी 8 नेता, लगातार पार्टी के हितों को कमजोर करने वाली गतिविधियों में लगे हुए थे. समिति के सदस्यों ने महसूस किया कि 26 जून 2024 को कार्यसमिति की बैठक के दौरान इन सभी नेताओं से अपनी चिंताओं को व्यक्त करने का आग्रह किया गया था. क्योंकि उन्होंने मीडिया के माध्यम से पार्टी के खिलाफ झूठा प्रचार किया, ऐसे में ये समझा आता है कि इन्हें पार्टी संगठन पर भरोसा नहीं है.