Union Budget 2024: मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट 23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया। बजट पेश करने के अगले दिन बुधवार (24 जुलाई) को कांग्रेस राज्यसभा सांसद पी चिदंबरम ने अपने भाषण में मोदी सरकार से पांच सवाल पूछे।
कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए II सरकार में वित्त मंत्री के रूप में काम करने वाले चिदंबरम ने सत्तारूढ़ भाजपा से 400 रुपये का दैनिक न्यूनतम वेतन सुनिश्चित करने और एमएसपी या न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानूनी गारंटी प्रदान करने का आह्वान किया, जो कि साल 2000 से विरोध कर रहे किसानों की मुख्य मांग है।
चिदंबरम ने रखी 5 मांगे
कांग्रेस के दिग्गज नेता ने मोदी सरकार से मार्च तक के शिक्षा ऋणों के बकाया को माफ करने, विवादास्पद अग्निवीर सेना भर्ती स्कीम को खत्म करने और जो राज्य नहीं चाहते हैं, उनके लिए मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए नीट परीक्षा को खत्म करने की भी मांग की।
इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी पर “कृपया, कुछ और कॉपी करें” का तंज भी कसा। जो कि हालिया 2024 के आम बजट के ऐलान से था। उन्होंने अपने भाषण में कहा, “यदि आप उन विचारों को अपनाते हैं, तो मुझे आपका (भाजपा) समर्थन करने में बहुत खुशी होगी। इस सदन में नकल करना प्रतिबंधित नहीं है। वास्तव में नकल को प्रोत्साहित किया जाता है और पुरस्कृत किया जाता है।”
‘देश को गुमराह कर रहीं वित्त मंत्री’
कांग्रेस सांसद के.सी. वेणुगोपाल ने कहा, “वे(निर्मला सीतारमण) देश को गुमराह कर रही हैं। उन्हें बताना चाहिए कि उन्होंने केरल, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र को क्या दिया है। अपने पूरे 1 घंटे 40 मिनट के बजट भाषण में उन्होंने उत्तर प्रदेश, हरियाणा, झारखंड, महाराष्ट्र सहित कुछ प्रमुख राज्यों का नाम तक नहीं लिया।”
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने साधा निशाना
केंद्रीय बजट 2024-25 पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, “अगर बजट में कोई भेदभाव नहीं है तो मुझे एक बार फिर शब्दकोश में ‘भेदभाव’ का मतलब देखना पड़ेगा। यह एक ऐसा बजट है जो मौजूदा NDA-भाजपा सरकार की समीकरण बाध्यता का परिचायक है।”