कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी आज सात किसान नेताओं के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करेंगे। यह मुलाकात संसद भवन में आज सुबह 11 बजे हो सकती है। उम्मीद है कि किसान नेता राहुल गांधी से उनकी लंबे समय से चली आ रही मांगों को लेकर एक निजी विधेयक पेश करने का अनुरोध करेंगे।
सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के नेताओं ने देशभर में मोदी सरकार के पुतले जलाने का ऐलान किया था। उनका उद्देश्य न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) गारंटी को वैध बनाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन को फिर से तेज करना है।
प्रदर्शनकारी किसान विपक्ष द्वारा प्रस्तावित निजी विधेयकों के समर्थन में लंबा मार्च निकालने की योजना बना रहे हैं। इसके साथ ही वे 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस समारोह के साथ ही पूरे देश में ट्रैक्टर रैली निकालेंगे। विरोध प्रदर्शन के दौरान नए आपराधिक कानूनों की प्रतियां भी जलाई जाएंगी। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के नेताओं ने कहा कि किसानों का ‘दिल्ली चलो’ मार्च 31 अगस्त को अपने 200 दिन पूरे कर लेगा। किसान नेताओं ने लोगों से पंजाब और हरियाणा सीमा पर खनौरी और शंभू जैसे स्थानों पर इकट्ठा होने का आग्रह किया। इसके बाद दोनों संगठन 1 सितंबर को उत्तर प्रदेश के संभल जिले में एक बड़ी रैली करेंगे।
15 सितंबर 2024 को हरियाणा के जींद जिले में एक रैली की भी योजना बनाई गई है। जिसके बाद 22 सितंबर 2024 को पिपली में एक और रैली होगी। किसान इन कार्यक्रमों के जरिए अपनी मांग को पुख्ता तरीके से सरकार के सामने रखने की योजना बना रहे हैं।
इस साल फरवरी में किसान यूनियनों ने एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी समेत कई मुद्दों को लेकर दिल्ली तक मार्च निकालने की घोषणा की थी। हालांकि हरियाणा सरकार द्वारा अंबाला-नई दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर बैरिकेड्स लगाने के कारण उन्हें कई दिनों तक हरियाणा की सीमाओं पर ही रोक दिया गया था।
इस साल की शुरुआत में नए सिरे से विरोध प्रदर्शन शुरू हुए, लेकिन राज्य की सीमाओं पर उन्हें काफी प्रतिरोध का सामना करना पड़ा। इन चुनौतियों के बावजूद किसान विभिन्न प्रकार के विरोधों के माध्यम से अपने अधिकारों के लिए इस लड़ाई को जारी रखे हुए हैं।