Haryana News: हरियाणा की नायब सिंह सैनी सरकार ने हाल में रिहायशी इलाकों में स्टिल्ट प्लस चार मंजिलों के निर्माण की इजाजत देकर रियल एस्टेट सेक्टर में गुदगुदी पैदा कर दी है।
हरियाणा सरकार की ओर से हुए नीतिगत बदलाव से रियल एस्टेट सेक्टर पर बहुआयामी प्रभाव पड़ने की संभावना है। इसकी वजह से जहां शहरी क्षेत्रों में रियायती दरों पर घर मिलने का सपना साकार हो सकेगा, वहीं शहरी जीवन शैली को एक विस्तार भी मिलेगा, जो आखिरकार जन कल्याण के दृष्टिकोण को और मजबूत करेगा।
ज्यादा आबादी वाले शहरों की जीवन शैली होगी और बेहतर हरियाणा सरकार के इस फैसले से जो सबसे ज्यादा असर पड़ने वाला है, वह ये है कि इससे शहरी जनसंख्या घनत्व में वृद्धि होगी। अतिरिक्त मंजिल के निर्माण को अनुमति देने से कम जमीन पर ज्यादा से ज्यादा रिहायशी घर बन सकेंगे, इससे प्रदेश के गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे ज्यादा जनसंख्या घनत्व वाले एनसीआर के शहरों की जीवन शैली में चार चांद लगने की संभावना है।
शहरी मध्यम वर्ग के सपने साकार होने का रास्ता साफ इसका मतलब ये है कि इन शहरी क्षेत्रों में उसी निर्धारित जमीन पर अब ज्यादा से ज्यादा रिहायशी आवास उपलब्ध होंगे, जिससे ऐसे घरों के निर्माण की लागत घटेगी, जिससे शहरी मध्यम वर्ग को अपना घर पाने का सपना साकार करना और भी आसान हो सकेगा।
घरों के निर्माण की लागत घटेगी, जिससे कीमतें भी कम होंगी नायब सिंह सैनी सरकार के फैसले की वजह से जब पहले से उपलब्ध मकानों पर अतिरिक्त मंजिलें बन सकेंगी, तो बाकी बची भूमि पर और आवासीय इमारतें बनाने का रास्ता साफ होगा। मतलब, अब मांग की तुलना में घरों की आपूर्ति बढ़ेगी। इसका स्वाभाविक असर निर्माण के लागत पर पड़ेगा।
भवन निर्माण की लागत कम होगी तो स्वाभाविक तौर पर प्रति यूनिट कीमतें भी जमीन पर आएंगी और आखिरकार जरूरतमंदों को उनका अपना घर मिल सकेगा। एनसीआर के इलाकों में जमीन की कीमतें आसमान छू रही हैं। इसलिए फ्लैट के रेट भी सातवें आसमान पर पहुंच चुके हैं। लेकिन, नायब सिंह सैनी सरकार ने स्टिल्ट प्लस चार मंजिलों के निर्माण की छूट देकर इस दिशा में संतुलन का एक नायाब उपाय खोज निकाला है।
घर खरीदार, डेवलपर्स और सरकार सबकी बल्ले-बल्ले अगर रियल एस्टेट डेवलपर्स के नजरिए से देखें तो उन्हें कम खर्च में अतिरिक्त यूनिट बनाने को मिलेंगी, इससे आखिरकार उन्हें कम निवेश में ज्यादा मुनाफा कमाने का रास्ता मिलेगा। मतलब, वह निर्माण का दायरा तेजी से बढ़ाएंगे, जिससे लोगों को कम समय में अपने घरों में रहने की इच्छा पूरी हो सकेगी।
वहीं सरकार के नजरिए से देखें तो मकान खरीदारों की संख्या बढ़ेगी तो रजिस्ट्रेशन बढ़ेगी और सरकार को अतिरिक्त राजस्व की प्राप्ति होगी।