नई दिल्ली। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह गुरुवार को नई दिल्ली में नार्को कॉर्डिनेशन सेंटर(एनकोर्ड) की 7वीं शीर्षस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए राष्ट्रीय नारकोटिक्स हेल्पलाइन की शुरुआत करेंगे। वे श्रीनगर में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के जोनल कार्यालय का उद्घाटन करने के साथ एनसीबी की वार्षिक रिपोर्ट 2023 भी जारी करेंगे। बैठक का उद्देश्य भारत में मादक पदार्थों की तस्करी और दुरुपयोग से निपटने में शामिल विभिन्न केंद्रीय और राज्य सरकार की एजेंसियों के प्रयासों में समन्वय और तालमेल स्थापित करना है।
भारत सरकार ने ड्रग्स तस्करी के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस नीति’ अपनाई है, जिससे ड्रग्स के खतरे को कम किया जा सके। गृह मंत्रालय संस्थागत ढांचे को मजबूत करने में जुटा है। सभी नार्को एजेंसियों के बीच समन्वय और व्यापक जनजागरूकता अभियान की 3 सूत्रीय रणनीति पर कार्य चल रहा है।
गौरतलब है कि राज्यों और गृह मंत्रालय के बीच बेहतर समन्वय के लिए 2016 में एनकोर्ड तंत्र स्थापित किया गया था। 2019 में इसे चार-स्तरीय प्रणाली के माध्यम से और मजबूत किया गया। शीर्षस्तरीय एनकोर्ड समिति के अध्यक्ष केंद्रीय गृह सचिव हैं, कार्यकारी स्तर की एनकोर्ड समिति के अध्यक्ष गृह मंत्रालय के विशेष सचिव हैं, राज्यस्तरीय एनकोर्ड समितियों के अध्यक्ष राज्यों के मुख्य सचिव और जिलास्तरीय एनकोर्ड समितियों के अध्यक्ष जिला मजिस्ट्रेट हैं।
ड्रग्स के खिलाफ जंग में ये कदम उठाए गए
चार-स्तरीय प्रणाली के सभी स्तरों पर सभी हितधारकों की नियमित एनकोर्ड बैठकें
गतिविधियों और बेस्ट प्रैक्टिस को साझा करने के लिए एक समर्पित केंद्रीकृत एनकोर्ड पोर्टल की शुरूआत
विशेष बड़े मामलों, जिनका अन्य अपराधों और अंतरराष्ट्रीय प्रभावों से संबंध है, के संबंध में समन्वय के लिए एक संयुक्त समन्वय समिति का गठन
प्रत्येक राज्य/संघशासित प्रदेश में एक समर्पित एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन
नशीली दवाओं को नष्ट करने के अभियान को उच्च प्राथमिकता
नार्को अपराधियों के लिए निदान पोर्टल की शुरुआत
नशीली दवाओं का पता लगाने के लिए श्वान दस्तों का गठन
फोरेंसिक क्षमताओं को मजबूत करना
विशेष एनडीपीएस न्यायालयों और फास्ट ट्रैक कोर्टस की स्थापना
नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ जागरूकता पैदा करने के लिए नशामुक्त भारत अभियान (NMBA)