अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा लोकसभा क्षेत्र से सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा की प्रदेश सरकार गरीबों से उनका हक छीनने की हर संभव कोशिश में जुटी है। इसलिए एक ही झटके में करीब 1300 डिपो संचालकों के लाइसेंस को रद्द कर दिया। ऐसा होने से राशन कार्ड धारकों के सामने तेल-अनाज का इंतजाम करना चुनौती बन गया है। एक साथ इतने लाइसेंस रद्द होने से लाखों गरीबों के सामने राशन को लेकर संकट खड़ा होने लगा है। इनके लाइसेंस तुरंत बहाल करने के साथ ही सभी 9300 डिपो धारकों का फरवरी से बकाया चल रहा गेहूं वितरण कमीशन भी जारी किया जाए।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश में सस्ते राशन की दुकान के तौर पर खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने 9300 लोगों का डिपो होल्डर के लाइसेंस दिए हुए हैं। लेकिन, तुगलकी फरमान जारी करते हुए प्रदेश सरकार ने एक आदेश जारी कर 60 साल से अधिक उम्र वाले डिपो होल्डर के लाइसेंस खत्म कर दिए। इसके विरोध में डिपो होल्डर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की शरण में पहुंच गए। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार के आदेश पर 31 मार्च तक के लिए रोक लगा दी थी। इससे करीब 1300 डिपो होल्डर के सामने से तालाबंदी का संकट टल गया था। लेकिन, 31 मार्च को हाई कोर्ट से मिली राहत की समय अवधि खत्म होने बाद फिर से इनके लाइसेंस रद्द कर दिए गए। हरियाणा के इतिहास में यह पहला मौका है, जब एक ही झटके में करीब 1300 डिपो लाइसेंस खत्म हो गए। इन सभी लाइसेंस धारकों की उम्र 60 साल को पार कर चुकी है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि जिन डिपो के लाइसेंस रद्द हुए हैं, उन्हें अप्रैल महीने से राशन भी उपलब्ध नहीं कराया गया है। जो लोग इनसे जुड़े हुए थे, वे राशन आने से संबंधित जानकारी एकत्रित करने के लिए बार-बार इनके पास पहुंच रहे हैं। सरसों के तेल, चावल, गेहूं, नमक, चीनी आदि की उपलब्धता के बारे में बार-बार पूछ रहे हैं, लेकिन लाइसेंस गंवाने वाले डिपो होल्डर कोई भी जवाब इन लोगों को नहीं दे पा रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रदेश के 1.68 करोड़ गरीब परिवार राशन के लिए डिपो होल्डर पर निर्भर हैं। राशन न मिलने से इनमें से करीब 14 प्रतिशत के सामने रोटी का संकट खड़ा होने लगा है। इनके लिए राशन की पूर्ति का जिम्मा प्रदेश सरकार को उठाना चाहिए। हालांकि, ये गरीब परिवार भी अब भाजपा की चाल को समझने लगे हैं। उन्हें पता चल गया है कि यह सारी कवायद उन्हें मिलने वाले राशन को बंद करने की हो रही है, जिसके लिए बार-बार ट्रायल लेकर देखे जा रहे हैं। कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश सरकार के पास अब भी अपनी गलती सुधारने का समय है। उसे रद्द किए गए सभी 1300 लाइसेंस बहाल कर देने चाहिएं। इसके अलावा सभी डिपो धारकों को गेहूं वितरण का 5 माह का बकाया चल रहा कमीशन भी तुरंत जारी करना चाहिए।