NCP Sharad Pawar on Maharashtra Budget: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी दलों में जमकर बयाजबाजी हो रही है। हालांकि चुनाव में अभी वक्त है। इस बीच कल महाराष्ट्र विधानसभा में बजट पेश किया गया।
बजट में कई लोक-लुभावन घोषणाएं कर महिलाओं, युवाओं और किसानों को साधने की कोशिश की गई है। इस बीच आज महाराष्ट्र में बीजेपी कोर कमेटी की बैठक भी होनी है। एनसीपी एसपी के अध्यक्ष शरद पवार ने बजट को लेकर महायुति सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि अर्थसंकल्प की बातें पहले ही अखबारों में छप चुकी थी। जो बातें छिपाकर रखनी चाहिए थी वो पब्लिक डोमेन में आ गई।
शरद पवार यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि पूरा अर्थसंकल्प 3 महीने बाद होने वाले चुनाव को देखते हुए बनाया गया है। कितना खर्च किया जाएगा? योजनाओं के लिए पैसों की कितनी उपलब्धता होगी? यह ध्यान में ना रखते हुए अर्थसंकल्प पेश किया गया है। ऐसे में मुझे इसके अमल में लाने को लेकर संदेह है। शरद पवार ने कहा कि मोदीजी ने लोकसभा चुनाव में जितनी सभाएं की, सभी जगह उनकी हार हुई है। ऐसे में मैं चाहता हूं कि पीएम मोदी विधानसभा चुनाव में और ज्यादा सभाएं करें।
नतीजों के बाद तय होगा सीएम
शरद पवार ने कहा महाराष्ट्र के लोकसभा चुनाव में हम विधानसभा की 288 में से 155 सीटों पर आगे थे। अगर यही नतीजे विधानसभा में आते हैं तो हमारी सरकार बनना तय है। सीएम चेहरे को लेकर उन्होंने कहा कि हमारी अघाड़ी ही हमारा सीएम फेस है। चुनाव के बाद सामूहिक निर्णय लेकर ही हम सरकार बनाएंगे।
स्पीकर को इमरजेंसी पर नहीं बोलना चाहिए था
इमरजेंसी को लेकर उन्होंने कहा कि स्पीकर जैसे पद पर बैठे व्यक्ति को इस प्रकार का वक्तव्य नहीं देना चाहिए। आपातकाल को अब 50 साल पूरे हो चुके हैं। इंदिरा गांधी अब जीवित नहीं हैं। इमरजेंसी के बाद इंदिरा गांधी ने दुख जताया था। 50 साल पुराने विषय को निकालने की क्या जरूरत थी। स्पीकर की जिम्मेदारी नहीं है कि वह किसी राजनीतिक विषय पर वक्तव्य दें। उनको ऐसा बयान देने के लिए किसी ने कहा होगा इसलिए ऐसी बात कही गई।
एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही मोदी सरकार
शरद पवार ने केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों का गलत इस्तेमाल किया गया। 2 मुख्यमंत्रियों को जेल भेजा गया। एक को कल ही रिहा किया गया है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्रियों और विधायकों को जेल में डाला गया है। लोअर कोर्ट में कोई फैसला होता है तो अपर कोर्ट जाकर उनकी जमानत रद्द करा दी जाती है। ऐसे में एजेंसियों के दुरुपयोग को लेकर हम संसद में आवाज उठाएंगे।