Chandigarh Administration On Shops: चंडीगढ़ प्रशासन ने लेबर डिपार्टमेंट के साथ रजिस्टर्ड दुकानों और कमर्शियल प्रतिष्ठानों को अब चौबीसों घंटे खोलने की इजाजत दे दी है. इसका मुख्य मकसद व्यापार करने में आसानी (Ease Of Doing Business) को बढ़ावा देना है. हालांकि महिला कर्मचारियों को रात 8 बजे के बाद काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, लेकिन अगर वे चाहती हैं तो इस संबंध में उनकी लिखित सहमति ली जाएगी और काम के घंटों के दौरान ऐसे कर्मचारियों की पर्याप्त सुरक्षा की व्यवस्था की जाएगी.
चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से हाल ही में इस बारे आदेश जारी किया गया है. 25 जून के आदेश के अनुसार, चंडीगढ़ में सभी दुकानें और कमर्शियल प्रतिष्ठान जो पंजाब दुकानें और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम, 1958 (जैसा कि केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ पर लागू है) के तहत रजिस्टर्ड हैं, उन्हें चौबीस घंटे सभी 365 दिन खुले रखने और संचालित करने की अनुमति है.
शराब की दुकानें और बार का समय पहले की तरह
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, यह कदम ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को बढ़ावा देने के लिए है. यह हफ्ते के सभी दिनों में खुलने और बंद होने के समय और संचालन के संबंध में लेबर लॉ और रेगुलेशन को सरल बनाने के लिए भी है. इसके अलावा, यह चंडीगढ़ में व्यापारियों और दुकानदारों के फायदे के लिए है. हालांकि, शराब की दुकानें और बार या पब का समय पहले की तरह ही रहेगा, क्योंकि वे उत्पाद शुल्क कानूनों (Excise Laws) से रेगुलेट होते हैं.
महिला कर्मचारियों के लिए खास आदेश
सेक्रेटरी कम लेबर कमिश्नर विनय प्रताप सिंह ने कहा कि प्रशासन चंडीगढ़ के सभी दुकानदारों और व्यापारियों के कल्याण और व्यापार करने में आसानी की जरूरतों के प्रति सचेत है और इस प्रकार, पूरे साल विस्तारित घंटों का ये लाभ रजिस्टर्ड दुकानों को दिया गया है. आदेश के मुताबिक, महिला कर्मचारियों को कार्यस्थल पर अलग लॉकर, सुरक्षा और रेस्ट रूम उपलब्ध कराया जाएगा. जो महिलाएं रात के दौरान काम करने के लिए अपनी सहमति देती हैं, उनके लिए आदेश में कहा गया है कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वे अपना काम खत्म होने के बाद सुरक्षित रूप से अपने घर पहुंचें.
कर्मचारियों के लिए काम के घंटे भी तय
दुकानों और कमर्शियल प्रतिष्ठानों में काम करने वाले सभी कर्मचारियों के लिए सप्ताह में एक दिन का आराम और लगातार पांच घंटे काम करने के बाद कम से कम 30 मिनट की रेस्ट अवधि का प्रावधान करना होगा. आदेश के अनुसार किसी भी कर्मचारी से एक दिन में नौ घंटे या एक सप्ताह में 48 घंटे से अधिक काम नहीं कराया जाएगा.