Budget 2024: केंद्रीय वित्त मंत्रालय जुलाई में वित्तीय वर्ष 2025 के लिए पूर्ण केंद्रीय बजट पेश करने की तैयारी कर रहा है। बजट पेश होने के दिन जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, ऐसे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से देश की जनता को कई उम्मीदें हैं। कई हितधारकों ने निर्मला सीतारमण से वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए कर राहत प्रदान करने की गुजारिश की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार जुलाई के मध्य में बजट पेश कर सकती है। यह भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की ऐतिहासिक तीसरी बार सत्ता में आने के बाद पहली बड़ी नीतिगत घोषणा होगी। यह एनडीए गठबंधन सरकार के तहत अगले पांच सालों के लिए भारत की आर्थिक प्राथमिकताओं की रूपरेखा तैयार करने वाली बजट होगी।
प्रमुख उद्योग निकायों और आर्थिक विशेषज्ञों ने आम जनता को राहत देने वाली कई कई महत्वपूर्ण मांगें रखी हैं। जिसमें इनकम टैक्स में छूट, पुरानी पेंशन योजना, विकास को बढ़ावा देने, आजीविका में सुधार लाने जैसे मुद्दों पर फोकस किया जाएगा।
आगामी बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से ये हैं 5 बड़ी उम्मीदें
🔴 1. भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने भारत के निम्न आय वर्ग के लिए कर कटौती का सुझाव दिया है, ताकि डिस्पोजेबल आय में वृद्धि हो और खपत को बढ़ावा मिले। हालांकि, 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था 8.2% की प्रभावशाली दर से बढ़ी, लेकिन खपत में केवल आधी वृद्धि हुई।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, खपत को बढ़ावा देने के लिए सरकार 15 लाख रुपये से अधिक वार्षिक आय वालों को कुछ कर राहत दे सकती है और 10 लाख रुपये की वार्षिक आय वालों के लिए आयकर दरों को कम करने पर भी विचार कर सकती है।
🔴 2. वेतनभोगी कर्मचारी आयकर छूट में वृद्धि, पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली और 8वें वेतन आयोग के गठन सहित कई अनुकूल घोषणाओं की उम्मीद कर रहे हैं। पिछला वेतन आयोग 2014 में गठित किया गया था और इसकी सिफारिशें जनवरी 2016 में लागू की गई थीं। वे यह भी चाहते हैं कि पुरानी कर व्यवस्था के तहत आयकर स्लैब को समायोजित किया जाए या नई कर व्यवस्था के लिए कर छूट सीमा बढ़ाई जाए।
🔴 3. कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी और विभिन्न कृषि निकायों ने सरकार से चावल, गेहूं, चीनी और प्याज जैसे कृषि उत्पादों के निर्यात पर प्रतिबंध हटाने का आग्रह किया है। उपभोक्ता कीमतों को नियंत्रित करने के लिए लगाए गए इन प्रतिबंधों ने ग्रामीण आय को प्रभावित किया है। भारत की 45% से ज्यादा आबादी कृषि पर निर्भर है, और इन प्रतिबंधों को कम करने से किसानों की आय में वृद्धि हो सकती है। भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत उच्च मजदूरी और ग्रामीण खर्च का समर्थन करने के लिए किसानों को नकद सहायता बढ़ाने की भी सिफारिश की।
🔴 4. भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने निजी फर्मों के लिए प्रोत्साहन भुगतान योजना का प्रस्ताव दिया है जो कपड़ा और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में रोजगार पैदा करती हैं। बेरोजगारी के लिए इस बजट में कुछ बड़ा फैसला लेना अहम है…क्योंकि चुनाव के बाद के सर्वेक्षण से संकेत मिलता है कि यह मतदाताओं के चिंता का सबसे बड़ा कारण थी। इसके अलावा श्रमिक संघों ने सरकार से नौकरी की रिक्तियों को भरने और पहले से समाप्त की गई योजना से पेंशन लाभ बहाल करने का आह्वान किया है।
🔴 5. उद्योग निकायों ने भारत की मौजूदा कर व्यवस्था को सरल बनाने की सिफारिश की है। फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) ने पूंजीगत लाभ कर व्यवस्था को दो या तीन व्यापक श्रेणियों में विभाजित करने का सुझाव दिया है। फिक्की ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली में सुधार की भी सिफारिश की है।