महाराष्ट्र की लातूर पुलिस ने नीट पेपर लीक मामले में एफआईआर दर्ज की है. एफआईआर किसी शिकायतकर्ता ने नहीं बल्कि महाराष्ट्र एटीएस ने दर्ज कराया है. नीट पेपर लीक मामले एटीएस ने लातूर के शिवाजी नगर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई है.
एटीएस को दिल्ली और बिहार से नीट पेपर लीक पर कुछ इनपुट मिले थे. इसी इनपुट के आधार पर एटीएस ने शनिवार रात दो लोगों से पूछताछ की. ये दोनों एक कोचिंग क्लासेज से जुड़े हुए बताए जा रहे हैं. एटीएस को कुछ प्राथमिक जानकारी पेपर लीक से जुड़ा हुआ मिला था.
एटीएस को पूछताछ के दौरान और इलेक्ट्रॉनिक सबूत मिले, जिसके आधार पर लातूर के शिवाजी नगर थाने में एफआईआर दर्ज करने के बाद एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है, जिसका नाम जलील पठान है. आरोपी शिक्षक संजय जाधव को सोमवार लातूर के पास तांडा से गिरफ्तार किया गया. कुल 4 लोगों के नाम एफआईआर में दर्ज हैं, जिनमें से दो व्यक्ति लातूर जिले के ही हैं, जबकि एक व्यक्ति धाराशिव या नांदेड़ जिले का बताया जा जा रहा है. वहीं, एक अन्य व्यक्ति दिल्ली से जुड़ा हुआ है.
लातूर नीट केस में गिरफ्तार जिला परिषद स्कूल के प्रिंसिपल जलील पठान को कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट में आरोपी जलील पठान को
2 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया. दूसरे गिरफ्तार आरोपी संजय जाधव को कल कोर्ट में रिमांड के लिए पेश किया जाएगा.
इन चार लोगों पर लगे हैं आरोप
जिन चार लोगों पर आरोप लगे हैं. उनमें संजय तुकाराम जाधव, लातूर जिला, शिक्षक, जिला परिषद स्कूल (सोलापुर), जलील खान पठान, लातूर जिला, मुख्याध्यापक, जिला परिषद स्कूल (लातूर), गंगाधर, दिल्ली और मष्णाजी कोनगलबार, धाराशिव शामिल हैं. इसमें से जलील पठान और संजय जाधव को गिरफ्तार किया गया है, बाकी के दो आरोपी फरार हैं. केस नांदेड़ एटीएस यूनिट ने दर्ज कराया है.
आरोपी गंगाधर दिल्ली का रहने वाला है. इस मामले में तीन आरोपी महाराष्ट्र के रहने वाले हैं, जिसमें एक आरोपी संजय तुकाराम जाधव जिला परिषद शिक्षक है, जिसकी उम्र 40 साल है और वो सोलापुर जिले की माधा तहसील के टाकली में तैनात है.
दूसरा जलील पठान, जिसकी उम्र 34 वर्ष है. वो लातूर के कटपुर में एक जिला परिषद स्कूल में हेडमास्टर है और तीसरा आरोपी मष्णाजी कोनगलबार महाराष्ट्र के धाराशिव जिले का है और यह भी शिक्षा क्षेत्र से ही जुड़ा हुआ है. एफआईआर के मुताबिक चौथा आरोपी जिसकी नाम गंगाधर है. वह दिल्ली का रहने वाला है और अन्य तीनों आरोपियों में से एक संजय जाधव संपर्क में था.
संजय जाधव ने पुलिस पूछताछ में कबूल किया कि पैसों के बदले छात्रों का नीट परीक्षा पास कराने की गारंटी लेता था. पैसा दिल्ली में बैठे गंगाधर को भेजता था. एटीएस की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि लातूर और दिल्ली में सक्रिय ये रैकेट एक जनवरी, .2023 से 22 जून, 2024 तक काम करता रहा. The Public Examination (Prevention of Unfair means ) Act 2024 section 3(V),4, 10 के अलावा IPC 420, 120 (B) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
कैसे हुआ मामले का खुलासा?
प्राथमिक रूप से मिली जानकारी के मुताबिक गंगाधर और संजय तुकाराम जाधव सीधे तौर पर एक दूसरे से जुड़े हुए थे. गंगाराम दिल्ली का रहने वाला है. संजय जाधव की दोस्ती जलील और मष्णाजी से थी. एटीएएस की पूछताछ के दौरान जलील और संजय जाधव उनके मोबाइल की गैलरी की जांच की. पुलिस को उसमें कई बच्चों (नीट परीक्षार्थी ) के एडमिट कार्ड मिले. इसके अलावा और उनके संदिग्ध व्हाट्सएप चैट मिले हैं, जिसके बारे में सवाल पूछा गया तो आरोपियों ने सही जवाब नही दिया.
पुलिस को कुछ शार्ट मैसेज भी मिले हैं, जो कि जलील पठान और संजय जाधव के बीच पैसों का लेनदेन हुई है. एटीएस ने बताया कि इनके मोबाइल फोन में कई बिचौलिए से बातचीत के सबूत मिले हैं. बिचौलिये के नंबर मिले हैं, जिसके बाद ही एटीएस ने देर रात लातूर के शिवाजी नगर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई और जलील पठान को गिरफ्तार कर लिया. जलील पठान से पूछताछ की जानकारी मिलते ही अन्य आरोपी फरार हो गये. आरोपी शिक्षक संजय जाधव को सोमवार दोपहर लातूर के पास तांडा से गिरफ्तार किया गया.