हरियाणा के रोहतक के माडौदी गांव में सेना से रिटायर जयबीर लाखों रुपये कमा रहे हैं। जयबीर सिंह ने अपने गांव में 22 एकड़ में पपीते की खेती करनी शुरू की। एक एकड़ में पपीते की खेती में 80 से 85 हजार रुपये का खर्चा आता है, जिसमें सरकार ने 43 हजार रुपये की सब्सिडी देकर किसान की आधी परेशानी दूर कर दी। अभी तक जयबीर एक एकड़ में 5 लाख रुपये का पपीता बेच चुके हैं। आमदनी बढ़ने से गदगद किसान ने दूसरे किसानों से अपील की है कि वह परंपरागत खेती छोड़कर सब्जी और फलों की खेती करें।
रोहतक जिले के माडौदी गांव के किसान जयबीर ने आईएएनएस से बातचीत करते हुए बताया कि वह आर्मी से रिटायरमेंट लेने के बाद खेती करने लगे। मेरे एक साथी ने सब्जी और फल की खेती करने की सलाह दी। जिसके बाद मैंने 22 एकड़ में बिना जानकारी के पपीते की खेती करनी शुरू कर दी। शुरुआत में थोड़ा बहुत नुकसान हुआ। इसके बाद बीच-बीच में सब्जी का भी काम करता रहा। बागवानी विभाग ने फिर मुझे पपीते की खेती करने की सलाह दी। शुरुआत में ठीकठाक आमदनी हुई थी। उसके बाद हौसला बढ़ता गया और सरकार 43 हजार रुपये की सब्सिडी भी दे रही है।
किसान जयबीर ने बताया कि एक एकड़ में करीब 5 लाख रुपये सालाना की कमाई है, जिसमें से करीब 80 हजार रुपये की लागत है। पपीते की खेती करना भी आसान है। इसमें लागत कम और बचत अच्छी होती है। जयबीर ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि वह परंपरागत खेती छोड़कर सब्जी और फलों की खेती की तरफ बढ़ें। जिससे वह अपना प्रतिदिन का खर्चा भी निकाल सकेंगे। इसमें सरकार भी किसानों का काफी सहयोग कर रही है। समय-समय पर बागवानी विभाग से डॉक्टर की टीम पेड़ों की जांच करने के लिए आती रहती है। बीमारियों से बचाव के लिए जागरूक करती है। दिल्ली, गुरुग्राम और रोहतक से भी लोग पपीते खरीदने आते हैं।