राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय ताऊ देवीलाल स्टेडियम में 44वीं अखिल भारतीय शहीद भगत सिंह ट्रॉफी का पुरस्कार वितरण एवम समापन समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने सभी खिलाडियों का परिचय लिया और सभी विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कार वितरित किए। प्रतियोगिता के फाइनल मुकाबले में राज्यपाल ने विजेता टीमवाईएमसीए और रनरअप सीएल चैंप्स टीम को ट्रॉफी के साथ सम्मानित किया गया।
राज्यपाल ने कहा कि आज बहुत खुशी का दिन है कि मुझे हरियाणा स्पोट्स वैलफेयर एसोसिएशन द्वारा आयोजित 44वीं ऑल इंडिया शहीद भगत सिंह अंडर-15 क्रिकेट लीग टुर्नामेंट के पुरस्कार वितरण/समापन समारोह के अवसर पर आप सबके बीच पधारने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। सर्वप्रथम सभी खिलाड़ियों को बहुत-बहुत बधाई जिन्होंने इस प्रतियोगिता में भाग लेकर अपनी दक्षता, शारीरिक क्षमता और मानसिक दृढ़ता का परिचय दिया है। सभी के लिए जीवन में ऊंची उपलब्धियां हासिल करने की कामना करते है।
उन्होंने कहा कि खेल ना केवल हमारा भरपूर मनोरंजन करते है बल्कि अच्छे स्वास्थ्य और उचित मानसिक चेतना के लिए भी आवश्यक है। खेल भावना से युक्त जीवन आनन्दायी हो जाता है क्योंकि वह जीवन को जय-पराजय से मुक्त रखने के लिए प्रेरणा का कार्य करती है। खेल मनुष्य को आलस्य विहीन होने के लिए अग्रसर करता है तथा जीवन के संघर्षाे के प्रति मनोबल व दृढ़ता प्रदान करते है। खेल शरीर को बल, मॉस-पेशियों को दृढ़ता, जठराग्नि को तीव्रता तथा मन को प्रसन्नता देता है। खेल ऐसा प्रयोजन है जो खिलाड़ी एवं खेल प्रेमी दोनों को ही आनंद प्रदान करता है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य देशभर में खेलों में अग्रणी राज्य है। इस राज्य में देश को बोक्सिंग, कुश्ती, वेट लिफिटिंग, जैवलिन आदि में अन्तर्राष्ट्रीय खिलाड़ी दिए हैं, जिन्होंने विश्व प्रतियोगिता में अपने देश का मान बढ़ाया है। हरियाणा सरकार की खेल नीति ने हरियाणा प्रदेश को अन्य राज्यों के मुकाबले खेल में कहीं अधिक आगे ला खड़ा कर दिया है। प्रदेश की खेल नीति के तहत ओलंपिक और पैरालम्पिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को छः करोड़ रूपए, रजत पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को चार करोड़ रूपए और कांस्य पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को अढ़ाई करोड़ रूपए की राशि पुरस्कार के रूप में दी जाती है। हरियाणा में खिलाड़ियों के लिए क्लास फोर से क्लास वन तक के पदों की सीधी भर्ती में आरक्षण का प्रावधान किया गया है।
राज्यपाल ने कहा कि जीवन में धैर्य और अनुशासन से ही व्यक्ति सफल हो पाता है और खेलों में भी धैर्य और अनुशासन ही जीत की पूंजी है। एक अच्छा खिलाड़ी खेल में आई हुई कठिनाईयों से उभरकर जीत का वरण करता है और ऐसे ही जीवन में खेलों जैसी जीवटता रखने वाला व्यक्ति कभी हारता नहीं। खेल के अभ्यास से मनुष्य का चारित्रिक और आध्यात्मिक विकास भी होता है।
उन्होंने कहा कि खेल मनुष्य में आपसी समझ को बढ़ावा देते हैं क्योंकि कोई भी खेल अकेले नहीं खेला जा सकता। टीम के साथ खेलकर हमें सहयोग से काम करने की प्रेरणा मिलती है। मिलकर खेलने में व्यक्तिगत हार-जीत नहीं रहती। हार का दुःख तथा जीत की खुशी साथी खिलाडियों में बंट जाती है। खेल में जीत के लिए आवश्यक है कि खिलाड़ी व्यक्तिगत यश के लिए न खेलें। वह अन्य खिलाड़ियों के साथ सहयोग से खेलें। इस प्रकार खेलों से टीम भावना तथा सहयोग की भावना से काम करने की शिक्षा मिलती है।
44वीं ऑल इंडिया भगत सिंह अंडर-15 क्रिकेट लीग इस टूर्नामेंट में नेपाल देश की टीम सहित कुल पंद्रह टीमों ने हिस्सा लिया। इन सभी पंद्रह टीमों में लड़कियों ने भी भाग लिया है। इस टूर्नामेंट में तीस से अधिक लड़कियां खेल रही हैं। यह बड़े गौरव की बात है।
श्री दत्तात्रय ने कहा कि एक समय खेल केवल लड़कों के लिए ही बताया जाता था, लेकिन आज देश की बेटियां दुनियाभर में देश का नाम रोशन कर रही हैं।
राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में उत्कृष्ट खिलाड़ियों के लिए सुरक्षित रोजगार सुनिश्चित करने के लिए नए नियम दो हजार ईक्कीस बनाए गए हैं, जिनके तहत सैंकड़ों खिलाड़ियों को सरकारी नौकरियां भी दी जा चुकी हैं। हमारे देश में अच्छे खिलाड़ियों की कमी नहीं है। देश में खेल संस्कृति का वातावरण पैदा करने के उद्देश्य से बहुत महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। हरियाणा सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए हरियाणा में नौ सौ छियतर खेल नर्सरियों को मंजूरी प्रदान की है। इनमें से एक सौ छियानवे खेल नर्सरियां सरकारी स्कूलों में खोली जाएगीं। इसी तरह से एक सौ पंद्रह खेल नर्सरियां ग्राम पंचायतों में, दो सौ अठहतर खेल नर्सरियां, निजी संस्थानों और तीन सौ सतासी खेल नर्सरियां निजी स्कूलों में खोली जाएगीं। इससे पहले पांच सौ से अधिक खेल नर्सरियां हरियाणा सरकार द्वारा चलाई जा रही हैं।