मुख्यमंत्री नायब सिंह ने मंगलवार को चंडीगढ़ में बाढ़ रोकथाम की तैयारियों को लेकर बुलाई गई बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री डॉ. अभय सिंह यादव भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि रजवाहों व नालों के तटबंधों को मजबूत करने के लिए मिट्टी भराई का काम तत्काल शुरू कर दें क्योंकि 15 जून के बाद धान रोपाई भी शुरू हो जाती है और खेतों में पानी भरा होने के कारण मिट्टी उठाने के कार्य में दिक्कत आएगी। जमींदार का खेत भी खाली नहीं रहते। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि अगर पिछले वर्ष की तरह बाढ़ के हालात हुए तो दोषी अधिकारियों को बख्शा नहीं जायेगा। नहर की गाद की मिट्टी निकालने के लिए विभाग द्वारा जितनी भी जरूरी हो जेसीबी किराए पर ली जाएँ। उन्होंने कहा कि अंबाला के हरड़ा- हरड़ी, शेरगढ़, चांदपुरा, शाहपुर, हेमामाजरा, रामपुर ससेड़ी , कुरुक्षेत्र के झांसा, जलबेहड़ा तथा कैथल के गुहला चीका तक के गांव काफी प्रभावित हुए थे। इस बार मानसून से पहले की जा रही तैयारियों में लापरवाही के चलते अगर बाढ़ के हालात बने तो सख्त कार्यवाही की जाएगी। बैठक में जानकारी दी गई कि बाढ़ संभावित 320 हॉटस्पॉट चिन्हित किये गए थे और शॉर्टटर्म स्कीमें तैयार की गई थीं। अब तक 44 स्कीमें पूरी हो चुकी हैं तथा 179 स्कीमों पर कार्य चल रहा है। मुख्यमंत्री ने कड़ा संज्ञान लेते हुए कहा कि समय की कमी को देखते हुए बाकी काम विभाग अपने स्तर पर युद्धस्तर पर करवाएं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि अधिकारीयों को निर्देश दिए हैं कि एक पोर्टल बनाया जाये और मॉनसून से पहले बाढ़ से संबंधित जितने भी कार्य किये जा रहे हैं उसकी प्रतिदिन की रिपोर्ट इस पोर्टल पर अपलोड हो। गांव के सरपंच को भी साथ में लेकर विडियो बनाकर इस पोर्टल पर अपलोड किया जाए। वे स्वयं भी इस पोर्टल की मॉनिटरिंग करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कल ही सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री डॉ. अभय सिंह यादव, विभाग के आयुक्त एवं सचिव श्री पंकज अग्रवाल व मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री भारत भूषण भारती, अंबाला, कुरुक्षेत्र व कैथल जिलों के बाढ़ संभावित क्षेत्रों का दौरा कर उसकी रिपोर्ट तैयार करेंगे। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि बाढ़ रोकथाम को लेकर की जा रही तैयारियां लोगों को धरातल पर नजर आनी चाहिए और वे स्वयं 13 जून को तैयारियों का जायजा लेंगे।