प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सलाह पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सरकार के मंत्रियों को विभागों (मंत्रालयों) का आवंटन कर दिया है। अमित शाह को केंद्र सरकार में फिर से गृह एवं सहकारिता मंत्री बनाया गया है, वहीं राजनाथ सिंह को भी दोबारा से रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। नितिन गडकरी को भी उनके पुराने मंत्रालय में ही बरकरार रखते हुए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री बनाया गया है। एस. जयशंकर को भी फिर से विदेश मंत्री और निर्मला सीतारमण को वित्त और कॉर्पोरेट मंत्री बनाया गया है।
मोदी सरकार 3.0 में बीजेपी ने अहम मंत्रालय अपने पास ही रखा है। NDA के सहयोगियों को कुछ खास हाथ नहीं लगा है। अब देखना है कि क्या कम महत्वा वाले मंत्रालय मिलने के बाद भी NDA के सहयोगी पीएम मोदी का पांच साल तक साथ देते है या मोदी को भी अटल बिहारी वाजपेयी की तरह अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ेगा।
मोदी 3.0 में अहम मंत्रालय बीजेपी के पास
मोदी सरकार में अहम मंत्रालय बीजेपी ने अपने पास रखा हैं। इनमें रक्षा, गृह, स्वस्थ्य, परिवहन, विदेश, वित्त, शिक्षा, कपड़ा, ऊर्जा, शहरी विकास, कृषि, वाणिज्य, ऊर्जा,जहाजरानी एवं जलमार्ग, उपोभोक्ता और अक्षय ऊर्जा, दूरसंचार मंत्रालय, पर्यावरण मंत्रालय, पर्यटन, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, श्रम मंत्रालय, खेल मंत्रालय, कोयला और खनन, जलशक्ति मंत्रालय शामिल हैं। रामदास आठवले को सामाजिक न्याय विभाग का राज्य मंत्री बनाया गया है। अनुप्रिया पटेल को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री और केमिकल फर्टिलाइजर विभाग की राज्य मंत्री रहेंगी।
JDU-TDP को क्या लगा हाथ
आरएलडी के जयंत चौधरी को स्किल डिवेलपमें विभाग का राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और शिक्षा मंत्रालय का राज्य मंत्री बनाया गया है। पांच में से पांचों सीट जीतने वाली पार्टी एलजेपी रामविलास के प्रमुख चिराग पासवान को खाद्य और प्रसंस्करण विभाग दिया गया है। यही मंत्रालय उनके पिता रामविलास पासवान के पास भी था। शिवसेना के जाधव प्रताप राव गणपत राव को भी आयुष और स्वास्थ्य मंत्रालय का राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार बनाया गया है।) जीतनराम मांझी की पार्टी ने एक ही सीट जीती है। उन्हों माइक्रो, स्मॉल ऐंड मीडियम एंटरप्राइजेज का मंत्री बनाया गया है। जेडीएस के एचडी कुमारस्वामी को भारी उद्योग और स्टील मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है।