जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश के ऊर्जा क्षेत्र की जिम्मेदारी दो नए हाथों में दी गई है। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल को देश का नया बिजली मंत्री नियुक्त किया गया है। जबकि प्रल्हाद जोशी को अक्षय ऊर्जा (रिन्यूएबल) मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
मोदी सरकार के पहले दोनों कार्यकालों में उक्त दोनों मंत्रालयों की जिम्मेदारी एक ही मंत्री के पास होती थी। बताया जाता है कि इन दोनों मंत्रालयों का अधिकांश कार्य आपस में संबंधित है और एक व्यक्ति के पास दोनों मंत्रालय होने से सामंजस्य बनाने में आसानी होती है। लेकिन अब इन्हें फिर से अलग-अलग कर दिया गया है।
ज्यादा सामंजस्य बनाने की जरूरत
यह तब किया गया है जब पारंपरिक और गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोतों के बीच पहले के मुकाबले ज्यादा सामंजस्य बनाने की जरूरत है। नए बिजली मंत्री मनोहर लाल की फिलहाल पहली प्राथमिकता देश में निर्बाध बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करना है। भयंकर गर्मी की वजह से देश में बिजली की मांग रिकॉर्ड स्तर पर है।
इसी तरह से अक्षय ऊर्जा मंत्री के तौर पर प्रल्हाद जोशी की प्राथमिकता वर्ष 2030 तक सौर, पवन, पनबिजली व दूसरे अक्षय ऊर्जा स्त्रोतों से 4.50 लाख मेगावाट बिजली बनाने की योजना लागू करने की है।