Modi Cabinet 3.O: नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं। इसके साथ ही नेताओं ने भी मंत्रिपद की शपथ ली। कल शाम के शपथ ग्रहण समारोह के बाद आज दिल्ली में अपने साउथ ब्लॉक कार्यालय में लगातार तीसरी बार पदभार ग्रहण किया, जहां उन्होंने 72 सदस्यीय केंद्रीय मंत्रिपरिषद का नेतृत्व किया।
इस नए मंत्रिमंडल में बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों को महत्वपूर्ण प्रतिनिधित्व दिया गया है। बिहार को चार कैबिनेट स्थान और उत्तर प्रदेश को नौ मंत्री पद मिले हैं। 42 मंत्री अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), अनुसूचित जाति (एससी), और अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदायों से हैं। हालांकि, नए मंत्रिमंडल में कोई मुस्लिम प्रतिनिधित्व नहीं है।
इस बार के कैबिनेट में भी कई पुराने चेहरे नजर आ रहे हैं। यानी की मोदी सरकार ने कैबिनेट की सूरत में ज्यादा बदलाव करने को तवज्जो नहीं दी है। वहीं, कई मंत्री ऐसे भी हैं जो पीएम मोदी के पिछले दोनों कार्यकाल के दौरान मंत्रिमंडल का हिस्सा रहे थे। आइए एक नजर डालते हैं पूरी लिस्ट पर।
इन 14 मंत्रीयों पर पीएम मोदी ने हर बार दिखाया भरोसा
प्रधानमंत्री मोदी के 10 वर्षों के शासनकाल में मात्र 14 मंत्री ऐसे रहे जो तीनों कार्यकाल में मंत्री बने रहे। तीनों टर्म में जो नाम कॉमन रहे वे हैं: राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण, पीयूष गोयल, जितेंद्र सिंह, राव इंद्रजीत सिंह, मनसुख मांडविया, किरेन रिजिजू, सर्वानंद सोनेवाल, गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल, अनुप्रिया पटेल, हरदीप पुरी और धर्मेंद्र प्रधान।
अब ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या भाजपा के इन मंत्रियों को उनके पुराने मंत्रालय ही रिपीट होंगे या इन्हें नए मंत्रालय का कार्यभार सौंपा जाएगा।
कौन हुए कैबिनेट से ऑउट?
इस बार के मंत्रिमंडल में अब तक केंद्रीय मंत्री रहे अनुराग ठाकुर, स्मृति इरानी, अर्जुन मुंडा, महेंद्र नाथ पांडे, नारायण राणे, पुरुषोत्तम रूपाला, आरके सिंह को जगह नहीं मिली है। अनुराग ठाकुर हिमाचल से, नारायण राणे महाराष्ट्र से और पुरुषोत्तम रूपाला गुजरात से चुनाव जीते हैं। बता दें, चुनाव के दौरान रुपाला के एक बयान को लेकर काफी विवाद हुआ था। जिसके बाद राजपूत संगठनों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।
जबकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के गढ़ अमेठी में जीत का परचम बुलंद करने वाली स्मृति इरानी इस बार चुनाव हार गई हैं। किशोरी लाल शर्मा के हाथों उन्हें अमेठी की सीट गंवानी पड़ी। वहीं, अर्जुन मुंडा, महेंद्र नाथ पांडे और आरके सिंह भी इस बार चुनाव नहीं जीत पाए। पिछली सरकार में राज्य मंत्री रहे राजीव चंद्रशेखर को भी इस कैबिनेट में जगह नहीं मिली है। उन्होंने केरल के तिरुवनंतपुरम सीट से कांग्रेस नेता शशि थरूर के खिलाफ चुनाव लड़ा था। काफी करीबी मुकाबले में चंद्रशेखर शशि थरूर से हार गए।