Delhi Water Crisis Update: दिल्ली की मंत्री आतिशी (Atishi) ने रविवार (9 जून) को कहा कि उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में जल संकट से अवगत कराने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना से एक आपातकालीन बैठक के लिए समय मांगा है.
उन्होंने कहा, ‘माननीय दिल्ली के उपराज्यपाल से आपात बैठक के लिए समय मांगा है, ताकि उन्हें मुनक नहर से हरियाणा द्वारा छोड़े जा रहे अपर्याप्त पानी के बारे में अवगत कराया जा सके.’
आतिशी ने कहा कि दिल्ली को सीएलसी और डीएसबी उप-नहरों के माध्यम से मुनक नहर से 1050 क्यूसेक पानी मिलना चाहिए. हालांकि, यह घटकर 840 क्यूसेक हो गया है. 7 जल उपचार संयंत्र इस पानी पर निर्भर हैं. अगर पानी की मात्रा नहीं बढ़ती है, फिर 1-2 दिनों में पूरी दिल्ली में पानी की स्थिति खराब हो जाएगी.
हरियाणा सरकार पर आतिशी का आरोप
आतिशी ने ट्विट कर कहा, ‘माननीय दिल्ली के उपराज्यपाल केंद्र सरकार के प्रतिनिधि हैं. उनसे हस्तक्षेप करने और स्थिति को सुलझाने का अनुरोध किया जाएगा.’ इससे एक दिन पहले आतिशी ने आरोप लगाया था कि हरियाणा मुनांक नहर के जरिए दिल्ली को उसके हिस्से का 1,050 क्यूसेक पानी नहीं दे रहा है.
उन्होंने कहा, ‘पिछले एक हफ्ते से दिल्ली को कम पानी मिल रहा है. 1 जून को 924 क्यूसेक, 4 जून को 884 क्यूसेक, 6 जून को 856 क्यूसेक और 7 जून को 840 क्यूसेक पानी मिला. हर गर्मी के दौरान, वाष्पीकरण के कारण लगभग 59 से 60 क्यूसेक पानी का नुकसान हुआ. अगर 840 क्यूसेक पानी दिल्ली पहुंच रहा है, तो इसका मतलब है कि हरियाणा मुनक नहर में पानी नहीं छोड़ रहा है.’
दिल्ली में गहरा रहा पानी का संकट
दरअसल, दिल्ली पानी की कमी से जूझ रही है, आतिशी ने शहर को यमुना का पानी नहीं देने के लिए हरियाणा को दोषी ठहराया है. चाणक्यपुरी जैसे कुछ इलाकों में समस्या गंभीर हो गई है, जहां निवासियों को अपने हिस्से का पानी लेने के लिए पाइप के साथ एक टैंकर के ऊपर चढ़ते देखा गया.