शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने फिल्म अभिनेत्री और मंडी से भाजपा सांसद कंगना रनौत के बयान पर गहरी आपत्ति जाहिर की है। एसजीपीसी के प्रधान हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर सीआईएसएफ की सुरक्षाकर्मी के साथ बहस के दौरान कंगना रनौत ने जिस तरह से बहस की वह उनकी पंजाब विरोधी सोच को दर्शाता है।
यह दर्शाता है कि कंगना रनौत की सोच बीमार मानसिकता का प्रतीक है। पंजाब के लोगों और विशेषकर पंजाब के किसानों को आतंकवादी कहना कंगना की बीमार मानसिकता को दर्शाता है। इस मामले की जांच होनी चाहिए।
यह सोची-समझी साजिश लगती है, जिसके तहत पंजाब के लोगों के खिलाफ नफरत फैलाने और लोगों के भीतर यह भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है कि पंजाब के लोग आतंकवाद से जुड़े हैं। हरजिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब का आतंकवाद से कोई लेना-देना नहीं है। कंगना ने जानबूझकर यह बयान दिया है। भाजपा के हाई कमान की नजर में आने के लिए उन्होंने इस तरह का बयान दिया है। ताकि वह प्रधानमंत्री मोदी की गुड बुक में आ सकें और उन्हें कोई बड़ा पद मिल सके।
कंगना रनौत यह सब मंत्री पद पाने के लिए कर रही हैं, लेकिन वह ऐसा करके आग के साथ खेल रही हैं। कंगना पंजाब के लोगों के खिलाफ नफरत फैलाने का प्रयास कर रही हैं। इस मामले की सीआईएसएफ द्वारा जांच होनी चाहिए, बिना किसी दबाव के यह जांच निष्पक्ष तरीके से होनी चाहिए। कंगना को पंजाब के लोगों के जज्बात को भड़काने से बाज आना चाहिए।
वहीं इस पूरे मामले पर शिरोमणि अकाली दल की नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने नाराजगी जताई है। कौर ने कहा कि पंजाब के लोग सबसे बड़े देशभक्त हैं। पंजाब के जवान सीमा पर देश की सुरक्षा करते हैं और अन्नदाता के रूप में देश की सेवा कर रहे हैं।
हरसिमरत कौर ने कहा कि मैं केंद्र सरकार से अपील करना चाहूंगी कि किसानों की समस्याओं और लोगों से जो वादे किए गए हैं उसे पूरा करने पर ध्यान दिया जाए। किसी को भी यह अनुमति नहीं होनी चाहिए कि वह पंजाबियों पर आतंकवादी या उग्रवादी होने का ठप्पा लगाए। पंजाबी सबसे बड़े देशभक्त हैं, वो देश की सीमा की रक्षा करते हैं, देश का पेट भरते हैं। हम इससे बेहतर के हकदार हैं। गौर करने वाली बात है कि गुरुवार को जब कंगना रनौत चंडीगढ़ एयरपोर्ट पहुंची तो सीआईएसएफ की महिला सुरक्षाकर्मी कुलविंदर कौर ने उन्हें थप्पड़ मार दिया और कंगना को गाली देने लगीं। हालांकि इसके बाद महिलाकर्मी को सस्पेंड करके हिरासत में ले लिया गया और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। महिला कर्मी का कहना था कि 2020 में जिस तरह से कगना ने बयान दिया और किसान आंदोलन में प्रदर्शन करने पहुंची महिलाओं को लेकर कहा कि ये 100-200 रुपए लेकर यहां आई हैं। उस दौरान मेरी मां भी प्रदर्शन करने के लिए गई थीं।