नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के स्वास्थ्य में अचानक आई गिरावट के पीछे ‘साजिश’ की आशंका जताते हुए बुधवार को वादा किया कि राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार बनी तो वह इस मामले की जांच के लिए एक समिति गठित करेगी।
यहां एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने दावा किया कि पांच दशक के अंतराल के बाद केंद्र में लगातार तीसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनेगी। उन्होंने कहा, ”सवाल ये है कि नवीन बाबू की तबियत खराब होने के पीछे कोई षड्यंत्र है क्या? ये ओडिशा के लोगों को जानने का अधिकार है। कहीं इसमें उस लॉबी का तो हाथ नहीं है न जो नवीन बाबू के नाम पर पर्दे के पीछे ओडिशा में सत्ता भोग रहे हैं।”
रहस्य से पर्दा उठना जरूरी प्रधानमंत्री ने कहा, ”इस रहस्य से पर्दा उठना जरूरी है।
इसलिए 10 जून के बाद ओडिशा में भाजपा सरकार बनने के बाद हमारी सरकार एक स्पेशल कमेटी का गठन करेगी और ये जांच करेगी कि अचानक नवीन बाबू की तबियत क्यों गिरती जा रही है।” तमिलनाडु से ताल्लुक रखने वाले और पटनायक के करीबी माने जाने वाले बीजू जनता दल (बीजद) के नेता वी के पांडियन का परोक्ष रूप से उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि पूरा ओडिशा चाहता है कि कोई उड़िया राज्य का मुख्यमंत्री बने। BJD के शासन पर लगेगा पूर्ण विराम उन्होंने कहा, ”ओडिशा के लोगों ने राज्य में बीजद के 25 साल के शासन पर पूर्ण विराम लगाने का फैसला किया है।” मोदी ने कहा कि उनके शासन में भारतीय अर्थव्यवस्था पिछले 10 साल में 11वें स्थान से पांचवें स्थान पर पहुंच गई है। पटनायक के स्वास्थ्य की स्थिति पर प्रधानमंत्री की टिप्पणी असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा के उस बयान के एक दिन बाद आई है जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि पांडियन ओडिशा के मुख्यमंत्री के हाथ की गतिविधियों को भी नियंत्रित कर रहे हैं।
BJP पांडियन को ओडिशा से बाहर करना चाहती है।
शर्मा ने एक वीडियो साझा किया था जिसमें एक चुनावी सभा में भाषण देते समय पटनायक का एक हाथ तेजी से कांप रहा था और इसे देखकर पांडियन ने उनके हाथ को मेज पर रख दिया। शर्मा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किए गए इस वीडियो के साथ लिखा, ”यह बहुत परेशान करने वाला वीडियो है। वी के पांडियन जी श्री नवीन बाबू के हाथों की गतिविधियों को नियंत्रित कर रहे हैं।” पांडियन का जन्म तमिलनाडु में हुआ था। उन्होंने दिल्ली में पढ़ाई की और पंजाब कैडर के आईएएस अधिकारी के रूप में अपना करियर शुरू किया।
एक उड़िया महिला से शादी करने के बाद वह ओडिशा कैडर में स्थानांतरित हो गए। भाजपा उन्हें ओडिशा की राजनीति में ‘बाहरी’ कहती रही है।
शर्मा की टिप्पणी के जवाब में, पटनायक ने एक वीडियो संदेश में कहा था, ”मेरा मानना है कि भाजपा गैर-मुद्दों को मुद्दा बनाने के लिए जानी जाती है, इसलिए वह मेरे हाथों को लेकर चर्चा कर रही है। यह निश्चित रूप से काम (चुनावों में) नहीं आएगा।”