Lok Sabha Election: हाय रे चुनाव… सात चरणों वाले इस लोकसभा चुनाव के लिए अंतिम मतदान 1 जून को होने वाला है। लेकिन, इस चुनावी माहौल की गर्मी उसमें हो रही हलचल को दर्शाती है। चुनावी अभियानों के दौरान नेताओं और उम्मीदवारों की जुबान आग उगलती नजर आ रही है।
कोई मुजरा तो कोई मंच पर ‘खटाखट-खटाखट’ करवा रहा है। शीर्ष राजनीतिक नेता सार्वजनिक रैलियों के दौरान अपनी विवादास्पद टिप्पणियों के लिए चर्चा में बने हुए हैं। इतना ही नहीं, विवादित बयानों की शिकायतों का पिटारा चुनाव आयोग के दरवाजे पर भी खुल रहा है। अहम बात यह है कि 4 जून को किसकी पार्टी सरकार बनाएगी इसकी उठापटक देखने को साफ नजर आएगी। नरेंद्र मोदी से लेकर राहुल गांधी तक, आइए इस चुनाव में कुछ शीर्ष राजनीतिक नेताओं द्वारा दिए गए सबसे विवादास्पद बयानों पर गौर करें….
‘मुजर कर सकता है INDIA ब्लॉक’ बीती 25 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर तीखा हमला करते हुए कहा कि अगर विपक्ष चाहे तो अपने वोट बैंक के सामने मुजरा कर सकता है। पीएम ने यह भी कहा कि मोदी के लिए संविधान सबसे महत्वपूर्ण है…अगर INDI गठबंधन अपने वोट बैंक के लिए गुलामी करना चाहता है या ‘मुजरा’ भी करना चाहता है, तो ऐसा नहीं करता मेरे लिए यह मायने रखता है। मैं एससी, एसटी, ओबीसी आरक्षण के साथ मजबूती से खड़ा हूं। आपको बता दें कि पीएम मोदी ने यह बयान बिहार के काराकाट और पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्रों में लगातार रैलियों को संबोधित करते दिया था।
‘घुसपैठियों’ में बांटेगी संपत्ति? इससे पहले, नरेंद्र मोदी के ‘घुसपैठियों’ वाले बयान पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस सरकार देश की संपत्ति ‘घुसपैठियों’ में बांट देगी।हाल ही में एक चुनावी रैली में मोदी ने कहा कि कांग्रेस के घोषणापत्र में कहा गया है कि वे माताओं और बहनों से सोने का हिसाब लेंगे और फिर उस संपत्ति को बांटेंगे। इससे पहले जब उनकी (कांग्रेस की) सरकार सत्ता में थी, तो उन्होंने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला हक मुसलमानों का है। इसका मतलब है कि यह संपत्ति किसे बांटी जाएगी? यह उन लोगों में बांटी जाएगी जिनके ज्यादा बच्चे हैं…यह घुसपैठियों में बांटी जाएगी।
‘खटाखट-खटाखट’, बयान से छाए राहुल
वहीं, हाल ही में राहुल गांधी ने अपने कई बयानों से सुर्खियों में छाए रहे। चाहे वह ‘खटाखट-खटाखट’ हो या ‘दो तरह के सैनिक’ वाली टिप्पणी क्यों न हो। एक रैली को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा था कि मैं नरेंद्र मोदी से कुछ भी कहलवा सकता हूं। कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि आप मुझे बताएं कि नरेंद्र मोदी जो भी कहना चाहते हैं, मैं उनसे अपने भाषणों में वही कहलवाऊंगा। मैंने उनसे कहा कि नरेंद्र मोदी, आप अडानी-अंबानी का नाम नहीं लेते हो…आपको उनका नाम लेना चाहिए । 2-3 दिन बाद नरेंद्र मोदी ‘अडानी-अंबानी’का नाम जपते हैं। मंच से बोलते हुए राहुल ने कहा कि खटाखट शब्द का प्रयोग मैंने किया और अलगे ही दिन उन्होंने (पीएम मोदी) इसे भी अपने भाषण में बोला। वहीं, एक अन्य संबोधन को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी उस समय विवादों में घिर गए जब उन्होंने केंद्र पर हमला करते हुए कहा कि पीएम मोदी ने देश में ‘दो तरह के सैनिक’ पैदा कर दिए हैं।
नतीजों में दिखेगी उठापटक!
आपको बता दें कि सात चरणों वाले इस लोकसभा चुनाव के मतदान 1 जून को खत्म हो जाएंगे। ‘4 जून’ नतीजों का दिन है। इससे राजनीतिक परिदृश्य में भारी उठापटक की उम्मीद जताई जा रही है। सभी प्रमुख पार्टियां और उनके समर्थक इस दिन के इंतजार में हैं, ताकि यह पता चल सके कि अगली सरकार कौन बनाएगा? चुनाव प्रचार के दौरान कई मुद्दों पर जोर दिया गया था, जैसे आर्थिक विकास, बेरोजगारी, किसानों की समस्याएं और सामाजिक न्याय। नतीजों के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि किस पार्टी को जनता ने अपनी सरकार बनाने के लिए चुना है और यह देश के भविष्य को किस दिशा में ले जाएगी?
किस चरण में कितना मतदान?
चरण – तारीख – सीट- वोटिंग परसेंट
पहला- 19 अप्रैल – 120 – 66.14 फीसदी
दूसरा- 26 अप्रैल – 88- 66.71 फीसदी
तीसरा- 7 मई- 93 – 65.68 फीसदी
चौथा- 13 मई- 96- 69.16 फीसदी
पांचवा- 20 मई- 49- 62.20 फीसदी
छठा- 25 मई- 58- 61.20 फीसदी