नई दिल्ली । आम आदमी पार्टी (आप) की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल कुछ दिनों पहले मारपीट और बदसलूकी की शिकायत लेकर दिल्ली के सिविल लाइन्स पुलिस थाने पहुंचीं थीं। इससे कुछ देर पहले उन्होंने पुलिस को फोन भी किया था।
लेकिन बगैर शिकायत दिए ही मालीवाल थाने से अपने घर चली गईं। ऐसे में उन्होंने अब बताया कि उस समय उनके पास ‘आप’ के दिग्गज नेता संजय सिंह का फोन आया था। साथ ही स्वाति ने यह भी बताया कि इस घटना के बाद संजय सिंह दो दिन उनके घर भी आए।
फोन पर संजय सिंह ने क्या बोला?
एक मीडिया चैनल को दिए एक इंटरव्यू में स्वाति मालीवाल ने बताया, ‘जैसे ही मैं पुलिस स्टेशन पहुंची मेरे पास कई लोगों के कॉल आने लगे। उन कॉल्स को देखकर मैं घबरा गई। क्योंकि मैं यह नहीं चाहती थी कि चुनाव के दौरान यह एक मुद्दा बने।’ इसपर उनसे पूछा गया कि ऐसा बताया जा रहा है कि पार्टी से किसी ने आपको कॉल किया था जिसके बाद आपने शिकायत नहीं दर्ज कराई। इसपर स्वाति ने कहा, ‘पार्टी के लोगों के कॉल आए, संजय भाई से मेरी बात हुई। वहीं पर बात हुई है। उन्होंने बोला हम एक बार बैठते हैं, बात करते हैं। उन्होंने मुझसे बोला कि हम देखते हैं, हम करेंगे।’
दो बार घर भी गए
स्वाति मालीवाल ने आगे बताया, ‘मैं उस समय बहुत घबरा गई। जिस तरीके से मुझे मारा गया था, मुझे बहुत दर्द हो रहा था, मेरे पीरियड्स भी चल रहे थे। मैं वहां से उठकर घर चली गई। मेरे घर संजय सिंह जी आए। उन्होंने मेरा हाल देखा। उन्होंने मेरे हाल को समझा। मैं रो-रोकर उन्हें सब बता रही थी। उसके बाद वह (संजय सिंह) अरविंद जी के घर पर गए। वह बिभव से भी मिले। अगले दिन वह दोबारा मेरे घर आए और यह सब बताया।’
क्या शिकायत नहीं करने की हुई थी डील?
इंटरव्यू के दौरान स्वाति मालीवाल से पूछा गया कि ‘अगले दिन अरविंद केजरीवाल, संजय सिंह और बिभव कुमार एक ही फ्लाइट में लखनऊ गए। यानी कहीं न कहीं आपसे उम्मीद थी कि आप शिकायत नहीं करेंगी। क्या यह माना जाए कि एक डील से हुई थी? क्या आपने उनको कुछ आश्वासन दिया था?’ इसपर स्वाति ने बोला, ‘नहीं… मैं पुलिस स्टेशन से उठकर इसलिए आई क्योंकि मीडिया कॉल्स से मैं घबरा गई थी। मैं जब घर आई तब ये लोग आना शुरू किए और सभी ने मुझसे यह बोला कि अगर तुम शिकायत करोगी तो तुमको भाजपा का एजेंट बना दिया जाएगा। तुमको झूठा साबित कर दिया जाएगा। लेकिन संजय भाई ने मेरी स्थिति समझी और मैं यह मानती हूं कि उन्होंने मेरे लिए आवाज भी उठाई। मैं इतनी सस्ती नहीं हूं कि मुझे बहुत बुरी तरह से मारा-पीटा जाए और फिर कुछ टुकड़े पकड़ा दिए जाएं और मैं उसे ले लूं। मैं उस तरह की लड़की नहीं हूं।’