पीटीआई, न्यूयार्क। एक प्रख्यात अमेरिकी एक्जीक्यूटिव और भारत-अमेरिका संबंधों के विशेषज्ञ रोन सोमर्स ने कहा है कि 2024 के आम चुनावों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत के इतिहास में अब तक के सबसे बड़े बहुमत से जीत हासिल करेंगे।
न्यूयार्क स्थित भारत के महावाणिज्य दूतावास द्वारा आयोजित विशेष कार्यक्रम ‘विकसित भारत@2047’ को संबोधित करते हुए इंडिया फर्स्ट ग्रुप के संस्थापक व सीईओ और यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल (यूएसआईबीसी) के पूर्व प्रेसिडेंट सोमर्स ने कहा कि 140 करोड़ आबादी के देश को संगठित करना, सात चरणों में चुनावी प्रक्रिया में 97 करोड़ मतदाताओं द्वारा मतदान, उसे स्वच्छ एवं पूरी तरह वैध रखना और परिणाम की सत्यता पर किसी को संदेह न होना, इसके लिए वह उनके प्रति सम्मान प्रकट करते हैं।
हम अमेरिका में खुले और निष्पक्ष चुनाव क्यों नहीं करा पा रहे
भारतीय चुनावों की विशालता का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘यह वास्तव में आश्चर्यचकित करता है कि हम अमेरिका में खुले और निष्पक्ष चुनाव क्यों नहीं करा पा रहे हैं। यह वास्तव में काफी हैरान करने वाली बात है कि जब आप इसे भारत में उस स्तर पर कर सकते हैं तो हमें यहां चुनौती का सामना क्यों करना पड़ रहा है।’
भारतीय चुनाव प्रक्रिया एक महान विरासत
उन्होंने कहा कि 2047 के लिए भारत द्वारा छोड़ी जाने वाली महान विरासतों में से एक अभी चल रही भारतीय चुनाव प्रक्रिया है जिसे हम सभी देख रहे हैं और नजर रख रहे हैं। 97 करोड़ लोग अपने गौरव, अपनी गरिमा और देश के भविष्य की महानता के लिए मतदान कर रहे हैं। अभी भारत में जो हो रहा है, वह वास्तव में काफी असाधारण है। इसलिए अगर कोई रोशनी है तो उन्हें उम्मीद है कि भारत लोकतंत्र के भविष्य के दशकों में प्रकाशस्तंभ बन सकता है।
भारत को 2047 के मोड में लाने का काम लगातार जारी
सोमर्स ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव से लेकर प्रधानमंत्री मोदी तक सुधार की नीति एवं भारत को 2047 के मोड में लाने का काम लगातार जारी रहा है और देश को विकास के पथ को आगे बढ़ाने में सर्वसम्मत समर्थन मिला है। भारत के महावाणिज्य दूत बिनय श्रीकांत प्रधान ने कहा कि ‘2047 तक विकसित भारत’ प्रधानमंत्री मोदी का विजन है।
2047 तक विकसित भारत एक मिशन- मोदी
प्रधानमंत्री के शब्दों में ‘2047 तक विकसित भारत’ एक मिशन है जिसमें सिर्फ महत्वाकांक्षा की नहीं, बल्कि आर्थिक विकास, मजबूत शासन सुधार, स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग और वैज्ञानिक प्रगति को शामिल करते हुए एक बहुआयामी रणनीति की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘इस कार्ययोजना में संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण शामिल होगा जिसमें राज्य सरकारों, शिक्षा जगत, नागरिक समाज और भारत के युवाओं के साथ व्यापक विचार-विमर्श एवं उनके विचार शामिल होंगे।’
भारतीय-अमेरिकी समुदाय के सदस्य शामिल रहे
श्रोताओं में भारतीय-अमेरिकी समुदाय के सदस्य, अमेरिकी एक्जीक्यूटिव्स, नीति विशेषज्ञ और थिंक टैंक शामिल थे। कार्यक्रम में भारत सरकार के क्षमता निर्माण आयोग के चेयरमैन आदिल जैनुलभाई का विशेष संबोधन और सामूहिक परिचर्चा भी हुई।