Kurukshetra lok sabha 2024: हरियाणा के कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट पर मुकाबला बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच है लेकिन इनेलो भी पूरा जोर लगा रही है। यहां BJP ने कांग्रेस छोड़कर आए उम्मीदवार नवीन जिंदल को टिकट दिया है जबकि कांग्रेस ने यह सीट आप के लिए छोड़ दी। पढ़िए पत्रिका के रिपोर्टर रमेश शर्मा की खास रिपोर्ट…
Haryana kurukshetra Lok sabha election date 2024: कुरुक्षेत्र (Kurukshetra Lok Sabha Seat) का जिक्र आते ही उस युद्ध का स्मरण हो आता है जिसे भीषण जंग के लिए जाना जाता है। कुरुक्षेत्र की इस धरा पर ही महाभारत की लड़ाई हुई। यहीं कृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया। इन दिनों कुरुक्षेत्र में ऐसी ही चुनावी महाभारत चल रही है जिसमें राजनीतिक दलों ने जीत के लिए जी जान लगा रखी है। उत्तरी हरियाणा में आम आदमी पार्टी (Aam Admi Party) की सक्रियता को देखते हुए कांग्रेस ने यह सीट आम आदमी पार्टी को दी है। आप ने यहां राज्यसभा के सदस्य रहे उद्योगपति डॉ. सुशील गुप्ता (Aap Candidate Dr. Sushil Gupta) को मैदान में उतारा है तो भारतीय जनता पार्टी ने भी कांग्रेस छोड़कर आए उद्योगपति और दो बार यहां से कांग्रेस के सांसद रहे नवीन जिंदल (BJP’s Candidate Naveen Jindal) को उम्मीदवार बनाया है। जिंदल के पिता भी यहां से सांसद रह चुके हैं। इनेलो से अभय चौटाला ( INLD Candidate Abhay Chautala) को मैदान में उतरकर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। प्रदेश में सबसे ज्यादा 31 उम्मीदवार कुरुक्षेत्र से ही मैदान में हैं।
Haryana में सबसे ज्यादा 31 उम्मीदवार यहीं से लड़ रहे चुनाव
Haryana CM Nayab Saini: वर्ष 2014 के चुनाव में मोदी लहर में भाजपा के राजकुमार सैनी Rajkumar Sainiयहां चुनाव जीते थे। इनेलो के बलबीर सैनी दूसरे स्थान पर रहे और नवीन जिंदल तीसरे स्थान पर रहे थे। तब से जिंदल ने इस सीट से किनारा कर लिया और 2019 में चुनाव नहीं लड़ा। हरियाणा के मौजूदा सीएम नायब सिंह सैनी ने पिछला चुनाव यहां से बड़े अंतर से जीता था। इस बार जिंदल भाजपा में शामिल हुए और एक घंटे के भीतर ही उन्हें प्रत्याशी घोषित कर दिया गया। जहां तक इनेलो की बात है, उसका इस क्षेत्र में कभी व्यापक जनाधार रहा है लेकिन दो बार उसके सांसद जीते भी हैं। जातिगत समीकरणों को देखते हुए इनेलो सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के पुत्र और पार्टी के इकलौते विधायक अभय चौटाला कुरुक्षेत्र से मैदान में हैं।
kurukshetra में सीटों का गणित
कुरुक्षेत्र संसदीय क्षेत्र में नौ विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। कैथल जिले के कैथल, गुहला, पुंडरी तथा कलायत विधानसभा क्षेत्र, कुरुक्षेत्र जिले के थानेसर, शाहाबाद, लाडवा और पिहोवा विधानसभा क्षेत्र और यमुनानगर जिले का एक विधानसभा क्षेत्र रादौर इस सीट में आता है। गुहला, शाहाबाद तथा रादौर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। सीट पर 18 लाख मतदाता हैं, इनमें 14 फीसदी जाट हैं। ब्राह्मण और सैनी जाति के भी 8-8 प्रतिशत वोट हैं। पंजाबी और जट सिख वोट भी अच्छी संख्या में हैं।
BJP हैट्रिक के लिए लगा रही है पूरा दम
कुरुक्षेत्र का रण आखिर कौन जीतेगा, ग्राउंड पर क्या मुद्दे सुलग रहे हैं, इसकी थाह लेने के लिए मैंने अपना सफर हिसार से कैथल की तरफ बढ़ाया। बस में ही कलायत के हमीर सिंह और प्रभुलाल मिले। उन्होंने बताया कि मुकाबला कांटे का है लेकिन जिंदल का पलड़ा भारी दिख रहा है। कैथल में नसीब सैनी ने बताया कि जीत की हैट्रिक के लिए भाजपा तैयार नजर आ रही है। उसने पूरा दम लगा रखा है। कुरुक्षेत्र और करनाल में भाजपा संत सम्मेलन कर चुकी है। किसान आंदोलन का असर होने से इनेलो भी अच्छे वोट हासिल करेगी, इससे मुकाबला रोचक हो गया है। हालांकि यहां कांग्रेस में एकजुटता की कमी नजर आई। शहीद स्मारक के बाहर चाट की रेहड़ी लगाने वाले प्रकाश ने बताया कि जिंदल का काम पहले भी देखा है। उनका कार्यकाल अच्छा रहा है।
Naveen Jindal की अग्निपरीक्षा है यह चुनाव
कैथल के मटका चौक पर जूस की दुकान पर मिले राजकुमार सैनी ने बताया भाजपा में शामिल होने की वजह से इस बार चुनाव नवीन जिंदल की अग्नि-परीक्षा है। एक सरकारी कर्मचारी नीरज ने कहा, सरकार ने महंगाई रोकने और रोजगार बढ़ाने के लिए कुछ नहीं किया। कैथल बस स्टैंड के बाहर रेस्टोरेंट संचालक मयंक को लगता है कि कांग्रेस ने यह सीट आप को देकर अपने पांव पर कुल्हाड़ी मारी है। कुरुक्षेत्र निवासी देवेन्द्र ने कहा, कुरुक्षेत्र का औद्योगिक और धार्मिक विकास जरूरी है। कैथल से करनाल वाली बस में पुंडरी के दो भाई-बहन संजय और प्रियंका मिले। उनकी राय में मोदी को ही पीएम बनना चाहिए। पवन कुमार का मत था कि सरकार से नाराजगी तो बहुत है लेकिन सीधा सवाल है कि विपक्ष से प्रधानमंत्री कौन बनेगा?
INDIA गठबंधन इस मुद्दे पर मांग रहा है वोट
इंडिया गठबंधन केजरीवाल की गिरफ्तारी और ईडी-सीबीआई (ED-CBI) की कार्रवाई को जमकर भुनाने का प्रयास कर रहा है। संविधान बचाने की दुहाई देकर वोट मांग रहा है। कैथल में हुड्डा की बजाय रणदीप सुरजेवाला ही फोकस कर रहे हैं। भाजपा मोदी का चेहरा आगे रखकर वोट मांग रही है। जिंदल अपने और पिता के कार्यकाल का जिक्र करते हैं। कुरुक्षेत्र का धार्मिक विकास करने का वादा कर वोट मांग रहे हैं। इनेलो के अभय चौटाला जाट वोट बैंक के साथ किसानों के मुद्दे पर ग्रामीण क्षेत्रों में जोर लगा रहे हैं। वह किसान आंदोलन और उसी दौरान विधायक के रूप में दिए गए इस्तीफे को भुनाने की कोशिश में हैं। जजपा और बसपा के प्रत्याशी भी मैदान में हैं।
किसान यूनियन का समर्थन इनेलो को
भारतीय किसान यूनियन (चढूनी गुट) ने कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र में इनेलो प्रत्याशी अभय चौटाला (Abhay Chautala) को समर्थन का ऐलान किया है। दरअसल अभय सिंह चौटाला ने 27 जनवरी 2021 को केन्द्र के किसान कानूनों का विरोध करते हुए विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। बाद में नवंबर 2021 उपचुनाव में ऐलनाबाद से फिर से जीत दर्ज की। वे पूरे देश में अकेले विधायक थे जिन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया। किसान यूनियन ने आरोप लगाया है कि भूपेन्द्र हुड्डा और भाजपा की आपस में मिलीभगत है। किसान यूनियन का कहना है कि यहां दो लाला और एक जाट की लड़ाई है। इनेलो कुरुक्षेत्र सीट में अपना खोया प्रभाव हासिल करने के लिए ताकत लगा रही है। इनेलो ने सात लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। अभय चौटाला कुरुक्षेत्र में स्वयं उतरे हैं और हिसार में वह दुष्यंत की ताकत को खत्म करना चाहते हैं।