नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियां पढ़ने वाले कई लोग पीएम नरेंद्र मोदी और नास्त्रेदमस की 600 साल पुरानी भविष्यवाणियों में समानता तलाशते हैं और इस समय की घटनाओं से जोड़ते हैं। आइये जानते हैं अपनी किताब द प्रोफेसीज में क्या कहा है नास्त्रेदमस ने..
‘एशिया में वह होगा, जो यूरोप में नहीं हो सकता। एक विद्वान शांतिदूत सभी राष्ट्रों पर हावी होगा।’
‘पांच नदियों के प्रख्यात द्वीप राष्ट्र में एक महान राजनेता का उदय होगा। इस राजनेता का नाम ‘वरण’ या ‘शरण’ होगा। वह एक शत्रु के उन्माद को हवा के जरिए समाप्त करेगा और इस कार्रवाई में 6 लोग मारे जाएंगे।’ (सेंचुरी v-27)
तीन ओर घिरे समुद्र क्षेत्र में वह जन्म लेगा, जो बृहस्पतिवार को अपना अवकाश दिवस घोषित करेगा। उसकी प्रशंसा और प्रसिद्धि, सत्ता और शक्ति बढ़ती जाएगी और भूमि व समुद्र में उस जैसा शक्तिशाली कोई न होगा।’ (सेंचुरी 1-50वां सूत्र)
‘धर्म बांटेगा लोगों को। काले और सफेद तथा दोनों के बीच लाल और पीले अपने-अपने अधिकारों के लिए भिड़ेंगे। रक्तपात, बीमारियां, अकाल, सूखा, युद्ध और भूख से मानवता बेहाल होगी।’ (vi-10)
‘अनीश्वरवादी और ईश्वरवादियों के बीच संघर्ष होगा।’ -(6-62)। ऐसे माहौल में मुक्तिदाता आएगा शांतिदूत बनकर।
‘साम्प्रदायिकता और शत्रुता के एक लंबे दौर के बाद सभी धर्म तथा जातियां एक ही विचारधारा को मानने लगेंगी।’ (6-10)।
‘शीघ्र ही पूरी दुनिया का मुखिया होगा महान ‘शायरन’ जिसे पहले सभी प्यार करेंगे और बाद में वह भयंकर व भयभीत करने वाला होगा। उसकी ख्याति आसमान चूमेगी और वह विजेता के रूप में सम्मान पाएगा।’ (v-70)
नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी के जानकारों के अनुसार किताब में लिखा है कि एशिया में 21वीं सदी में पांच नदियों के प्रख्यात द्वीप राष्ट्र में तीन ओर से घिर समुद्र क्षेत्र में एक महान नेता शायरन का जन्म होगा। उसका जन्म तीन ओर से घिरे समुद्र क्षेत्र में होगा, यह वह समय होगा जब एशिया में धार्मिक कट्टरता अपने चरम पर होगी। यह किसी छोटी जाति में जन्म लेगा, लेकिन सभी जाति के लोग उसके नाम पर एकजुट हो जाएंगे। जिस समय उसकी लोकप्रियता होगी उस समय किसी गोरी चमड़ी वाली औरत का शासन होगा। लोग जिसके शासन से त्रस्त होकर त्राहि-त्राहि कर करेंगे। उस महान व्यक्ति का नाम एक महान संत के नाम पर होगा। उसकी प्रशंसा और शक्ति बढ़ती जाएगी। भूमि और समुद्र में उस जैसा कोई शक्तिशाली कोई न होगा।
इस नेता से पहले सभी प्यार करेंगे लेकिन बाद में उससे सभी डरेंगे। वह दुनिया को अपनी मुठ्ठी में बंद कर लेगा। उसकी शक्ति के आगे सभी राष्ट्रों को झुकना होगा। उसकी ख्याति आसमान चूमेगी और वह विजेता के रूप में सम्मान पाएगा। कुछ लोग इन भविष्यवाणी को भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से जोड़कर देखते हैं, क्योंकि तीन ओर समुद्र से तो भारत ही घिरा हुआ है। हालांकि कुछ और देश, मलेशिया, नार्वे, स्पेन, इटली भी हैं, लेकिन वो देश छोटे हैं और जानकार उनमें विश्वशक्ति बनने की क्षमता नहीं देखते। इसके अलावा भारत में गुरुवार एक ऐसा वार है जिसे सभी धर्म के लोग समान रूप से मानते हैं। नास्त्रेदमस ने आगे चलकर यह स्पष्ट किया है कि वह देश एशिया में है और जिसका नाम सागरों के नाम पर आधारित है अर्थात हिन्द महासागर के नाम पर हिन्दुस्तान।
इसके अलावा वे भी एक गरीब परिवार में जन्मे और ऐसे लोगों का कहना है कि अपना प्रारंभिक जीवन उन्होंने संत की तरह बिताया और उन्हें भी पहले लोग नफरत करते थे फिर प्यार करने लगे हैं। चुनाव दर चुनाव उनकी लोकप्रियता और ताकत बढ़ रही है। इस समय दुनिया भर में दक्षिणपंथी विचारधारा को जोर है। भारत का भी दुनिया में जोर बढ़ रहा है। कई मामलों में दुनिया के शक्तिशाली देश अमेरिका को भी झुकना पड़ा है। इससे यह हो सकता है कि बाद में सभी उनसे डरें। वहीं कुछ लोग कहते हैं अब जहां तक एक ही विचारधारा को मानने की बात है तो ओशो रजनीश जैसे संतों को भारत, चीन सहित समूचे पश्चिम में ध्यान से पढ़ा जाता है और उनके विचारों से विश्व में नए तरह की धार्मिक क्रांति होने लगी है।
हालांकि कई लोगों का मत है कि वह नेता चीन से हो सकता है। क्योंकि नास्त्रेदमस ने स्पष्ट किया है कि वह नेता न तो क्रिश्चियन, न मुसलमान और न ज्यू होगा। एशिया का वह महान नेता शांतिदूत होगा। लेकिन ‘शायरन’ और ‘नरेन्द्र’ शब्द में बहुत फर्क है इसलिए यह स्पष्ट कहना कि यह भविष्यवाणी मोदी से संबंधित है, सही नहीं होगा।