Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव का आज पांचवा चरण है। देश के 8 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 49 सीटों पर मतदान शुरू हो चुका है। इसी बीच केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह का एक इंटरव्यू सामने आया है।
इस इंटरव्यू में उन्होंने भाजपा और एनडीए की सत्ता में वापसी के साथ-साथ विपक्ष की हार को लेकर भी कई दावे किए हैं।
अमित शाह ने कहा कि लोगों ने भाजपा और एनडीए की सत्ता में वापसी को स्वीकार कर लिया है। इसके पीछे का एक कारण उन्होंने विपक्षी दलों के समर्थकों के बीच उदासीनता और मतदान में गिरावट को बताया है। अमित शाह का यह साक्षात्कार हिंदुस्तान टाइम्स और हिंदुस्तान के साथ आया है। इस दौरान उन्होंने चुनाव के साथ-साथ अन्य मुद्दों पर भी बात की है।
अब तक देश में चार चरणों का मतदान हो चूका है, आज पांचवे चरण का मतदान किया जा रहा है। पहले चार चरणों के दौरान हिंदी बेल्ट के क्षेत्रों में देश के बाकी हिस्सों की तुलना में कम मतदान दर्ज किया गया। ये क्षेत्र बीजेपी और एनडीए की ताकत रहे हैं। इसे लेकर जब अमित शाह से सवाल किया गया कि क्या उन्हें इसे लेकर कोई आशंका है?
अमित शाह ने कहा, “पहले चरण के बाद मैं चिंतित था, लेकिन जब तीसरे चरण का मतदान शुरू हुआ, तो मुझे पता चला कि विपक्ष के मतदाता दिखाई नहीं दे रहे हैं। वे इस बात से बहुत निराश हैं कि परिणाम पहले से ही (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी के पक्ष में है और उनका मानना है कि गर्मी में बाहर जाने (वोट देने) से बेहतर है बैठना।”
उन्होंने आगे कहा कि वोटिंग का कम होना लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है, लेकिन इंडिया ब्लॉक के मतदाताओं में व्यापक मोहभंग के कारण मतदान में गिरावट आई है। अमित शाह ने कांग्रेस के गढ़ में मतदान कम होने की बात करते हुए कहा, “जिन राज्यों में आपको पश्चिम बंगाल, असम और त्रिपुरा जैसे उच्च मतदान प्रतिशत (इस बार) दिख रहा है, वहां मतदान हमेशा अधिक रहा है, और वहां भी, मतदान प्रतिशत में कुछ गिरावट आई है। यदि आप विश्लेषण करेंगे तो पाएंगे कि इस गिरावट और उन क्षेत्रों के बीच एक संबंध है जहां कांग्रेस को पारंपरिक रूप से समर्थन प्राप्त है।”
विदेशी एजेंसियों के सर्वे में एनडीए को कम सीटें मिलने के अनुमान पर प्रतिक्रिया देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि विदेशी एजेंसियां हमारे देश में ठीक से सर्वे नहीं कर पाती हैं। उन्होंने के कहा कि शेयर बाजार के ऊपर-नीचे होने के कई कारण हैं। कार्यकर्ताओं से मिले फीडबैक के अनुसार चिंता की कोई बात नहीं है।
बंगाल और ओडिशा के बारे में बात करते हुए अमित शाह ने इन राज्यों में बेहतर प्रदर्शन करने की बात कही है। उन्होंने कहा, “हम बंगाल और ओडिशा में बेहतरीन प्रदर्शन करेंगे। पश्चिम बंगाल में हमें 24 से 30 सीटें मिलेंगी। हम ओडिशा में सरकार बनाएंगे (राज्य में विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ हो रहे हैं) और 17 से अधिक लोकसभा सीटें जीतेंगे।”
जब अमित शाह से सवाल किया गया कि आपकी सरकार के खिलाफ आरोप है कि आपने विपक्षी दलों के भारतीय गुट के निर्माण को रोकने के लिए प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय जांच ब्यूरो का इस्तेमाल किया। विपक्षी दलों का कहना है कि इसके बावजूद गठबंधन एक साथ आया है और करीब 300 सीटों पर संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार के साथ चुनाव हो रहा है। इस पर अपने विचार व्यक्त करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, “मुझे बताएं, अगर कम्युनिस्ट पार्टी, तृणमूल (कांग्रेस) और कांग्रेस के बीच कोई सहयोग नहीं है, तो इसमें ईडी की क्या भूमिका है? अगर केरल में वामपंथियों और कांग्रेस या पंजाब में आप और कांग्रेस के बीच कोई गठबंधन नहीं है तो हमारी क्या भूमिका है?”
उन्होंने आगे कहा, “इसके विपरीत, जहां ईडी ने हस्तक्षेप किया है, वहां एक गठबंधन सामने आया है। हमारी सरकार के तहत 5,155 पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) मामले दर्ज किए गए। राजनेताओं का योगदान उस कुल का केवल 3% है। उनके एक सांसद के घर में ₹350 करोड़ नकद मिले, ममता बनर्जी के मंत्री के घर से ₹51 करोड़ और झारखंड मुक्ति मोर्चा के मंत्री आलमगीर आलम के स्टाफ सदस्य के घर से ₹31 करोड़ मिले। इसका उत्तर क्या है? मैं रैलियों में पूछता हूं कि क्या कभी किसी ने इतना पैसा देखा है? एक भी हाथ नहीं उठता। अब भी, झारखंड मुक्ति मोर्चा ने आलमगीर को निलंबित नहीं किया है, और ममता बनर्जी ने पार्थ चटर्जी (संबंधित मंत्री) को निलंबित नहीं किया है। क्यों?”
जब अमित शाह से सवाल किया गया कि आपकी पार्टी ज्वाइन करने वाले कुछ विपक्षी नेताओं के खिलाफ भी मामले थे, फिर भी, उन पर न तो छापा मारा गया और न ही उन्हें बुलाया गया, इसकी क्या वजह है। इसपर गृह मंत्री ने कहा कि उन नेताओं का छापेमारी और समन का चरण समाप्त हो गया है।
उन्होंने कहा, “आरोप पत्र दाखिल हो चुके हैं। इसके बाद एजेंसी के पास कोई अधिकार नहीं है, कोर्ट को फैसला करना है। राहुल और चिदम्बरम साहब (पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदम्बरम) के खिलाफ भी आरोप पत्र दायर किए गए हैं। उन पर भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। यह (अदालत में) तब होगा जब उनकी बारी आएगी।”