US On Indian Election: एक महीने पहले बार बार भारतीय लोकतंत्र को लेकर सवाल उठाने वाला अमेरिका अचानकर भारत में हो रहे चुनाव की तारीफ करने लगा है। व्हाइट हाउस ने शुक्रवार (17 मई) को देश में चल रहे आम चुनावों में वोट देने के अपने अधिकार का प्रयोग करने के लिए भारत के लोगों की सराहना की है।
व्हाइट हाउस ने कहा है, कि “दुनिया में भारत की तरह बहुत ज्यादा जीवंत लोकतंत्र और कहीं नहीं हैं।”
व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार जॉन किर्बी की टिप्पणी भारतीय चुनावों पर एक सवाल का जवाब देते समय आई है, जिसमें भारत के 96 करोड़ से ज्यादा मतदाता 545 संसदीय सदस्यों का चुनाव करने के लिए दस लाख से ज्यादा मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं, जिसमें 2,660 पंजीकृत राजनीतिक दलों के उम्मीदवार हिस्सा ले रहे हैं। जॉन किर्बी ने एक संवाददाता सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा, कि “दुनिया में भारत से ज्यादा जीवंत लोकतंत्र नहीं हैं। और हम भारतीय लोगों की, आप जानते हैं, वोट देने की उनकी क्षमता और भावी सरकार में चुनने के लिए उनकी आवाज उठाने की क्षमता की सराहना करते हैं। और हम निश्चित रूप से पूरी प्रक्रिया के दौरान सफल चुनाव की कामना करते हैं।”
पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत-अमेरिका संबंध मजबूत हुए: व्हाइट हाउस
वहीं, एक और सवाल के जवाब में जॉन किर्बी ने कहा, कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के शासनकाल में भारत-अमेरिका संबंध विशेष रूप से बाइडेन प्रशासन के पिछले तीन वर्षों के दौरान मजबूत हुए हैं। उन्होंने कहा, कि “भारत के साथ हमारा रिश्ता बेहद करीबी है और ये लगातार घनिष्ठ होता जा रहा है।” जॉन किर्बी ने कहा, कि “आपने इसे राजकीय दौरे (पिछले साल जून में पीएम मोदी का अमेरिका दौरा) पर देखा था। हमने सभी प्रकार की नई पहलें शुरू कीं हैं, महत्वपूर्ण उभरती प्रौद्योगिकियों पर एक साथ काम किया है, और इंडो-पैसिफिक में क्वाड की प्रासंगिकता को बढ़ाया और उसे विस्तारित किया है, जिसका भारत एक हिस्सा है। और इसके अलावा हम नागरिक से नागरिक संबंधों का विस्तार करने के अलावा सैन्य संबंधों का विस्तार कर रहे हैं।” उन्होंने कहा, कि “ये बहुत जीवंत साझेदारी है और हम हम प्रधान मंत्री मोदी के नेतृत्व के लिए आभारी हैं।” वहीं, जब उनसे पूछा गया, कि क्या राष्ट्रपति जो बाइडेन का माननाहै, कि भारत और जापान ज़ेनोफोबिक देश हैं, तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा, कि राष्ट्रपति ने हाल ही में इस मुद्दे पर विस्तार से बात की है। किर्बी ने कहा, “मेरा मतलब है कि राष्ट्रपति यहां संयुक्त राज्य अमेरिका में हमारे अपने लोकतंत्र की जीवंतता और यह कितना समावेशी और भागीदारीपूर्ण है, उसके बारे में एक व्यापक बात रख रहे थे।” आपको बता दें, कि जो बाइडेन ने पिछले दिनों भारत, जापान, रूस और चीन को जेनोफोबिक देश बताया था, यानि इन देशों में दूसरे देशों के लोगों का स्वागत नहीं किया जाता है, जिसको लेकर भारत की तरफ से कड़ी प्रतिक्रिया दी गई थी।